Book Title: Jinabhashita 2006 04 05 06
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 50
________________ कुण्डलपुर के विषय में उच्च न्यायालय का आदेश म. प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर के न्यायाधीश माननीय | जिम्मेदारी ट्रस्ट की होगी। यदि प्रकरण के अन्तिम निर्णय में न्यायामूर्ति श्री के. के. लोहाटी ने कुण्डलपुर में निर्माणाधीन | न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि मूर्ति प्राचीन महत्त्व बड़े बाबा के नये मन्दिर के निर्माण के स्थगनादेश में संशोधन | की है या पुराना मंदिर संरक्षित स्मारक है तो कुण्डलपुर क्षेत्र कर दिनांक 20 मई 2006 को निम्न आदेश पारित किये : | कमेटी किसी भी प्रकार की क्षतिपूर्ति आदि का दावा नहीं 1. पांच सदस्यों की एक कमेटी गठित की गई है | करेगी और पुरातत्त्व विभाग नये मंदिर और मूर्ति का अधिकारी जिसमें जिला न्यायाधीश दमोह, कलेक्टर दमोह, पुलिस | होगा। सुपरिटेन्डेन्ट दमोह, एक प्रतिनिधि आर्कलोजीकल विभाग 7. क्षेत्र कमेटी द्वारा न्यायालय के रजिस्ट्रार को उपर्युक्त और एक प्रतिनिधि कुण्डलपुर सिद्धक्षेत्र कमेटी के सदस्य अंडरटेकिंग मिलने के पश्चात न्यायालय द्वारा गठित कमेटी होंगे। इस कमेटी का कार्य बड़े बाबा की मूर्ति के ऊपर | | की पहली मीटिंग एक सप्ताह के भीतर होगी, जिससे निर्माण पक्का डोम (Dome) बनवाना और मूर्ति की सुरक्षा, जहाँ | का कार्य शीघ्र प्रारम्भ किया जा सके। मूर्ति वर्तमान में स्थापित है, होगा। 8. यह अंतरिम व्यवस्था उस स्थान के संबंध में है 2. कमेटी डोम के निर्माण एवं उसकी Design की| जहाँ मूर्ति वर्तमान में स्थापित है। कमेटी निर्माणकार्य की स्वीकृति प्रदान करेगी। यदि आवश्यक हो तो कमेटी इस | अनुमति केवल उस भाग की देगी, जो मानचित्र में AA से सम्बन्ध में किसी वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ की सेवायें भी | दर्शाया गया है। शेष भाग के निर्माण की अनुमति नहीं दे ले सकेगी। कमेटी का यह दायित्व होगा कि मूर्ति को किसी | सकेगी। प्रकार की क्षति न हो। 9. कमेटी (न्यायालय द्वारा गठित) निर्माणकार्य की 3. यदि कमेटी में निर्णय लेने में मत-विभाजन हो, | देखरेख करेगी और समय समय पर स्थल निरीक्षण भी तो जिला न्यायाधीश का निर्णय अंतिम माना जावेगा। लेकिन | करेगी और यह निश्चित करेगी कि मूर्ति सुरक्षित है। इस ऐसा कोई भी निर्णय उच्च न्यायालय के आदेश के लिये सम्बन्ध में जिला न्यायाधीश उच्च न्यायालय में अपना न्यायालय के समक्ष किसी भी पार्टी द्वारा लाया जा सकेगा | प्रतिवेदन प्रतिमाह प्रस्तुत करेंगे और तीन माह पश्चात अंतिम और उच्च न्यायालय का फैसला ही मान्य होगा। रिपोर्ट न्यायालय को देंगे। 4. निर्माणकार्य का सम्पूर्ण व्यय कुण्डलपुर क्षेत्र कमेटी न्यायालय ने यह भी कहा है कि यह एक अंतरिम को वहन करना होगा। कमेटी तकनीकी विशेषज्ञ एवं अन्य | आदेश है और अंतिम निर्णय बिना इस आदेश को ध्यान में सभी निर्माण साधन उपलब्ध करावेगी। सम्पूर्ण निर्माणकार्य | रखकर गुणदोष के आधार पर किया जावेगा। दोनों पक्ष उच्च न्यायालय द्वारा गठित कमेटी की देखरेख और अनुमोदन | अपने तर्क देने के लिये स्वतन्त्र होंगे। यदि कोई भी पक्ष इस से ही किया जावेगा। यदि न्यायालय अन्त में यह निर्णय देवे | निर्णय के सम्बन्ध में कोई वाद प्रस्तुत करना चाहे, तो वे कि कुण्डलपुर क्षेत्र कमेटी का मूर्ति या मंदिर के स्वामित्व | आठ सप्ताह तक ऐसा कर सकेंगे उसके पश्चात् इस वाद के का अधिकार नहीं है, तो कुण्डलपुर क्षेत्र कमेटी किसी | निर्णय के लिये केस लिया जावेगा। क्षति-पूर्ति की अधिकारी नहीं होगी। न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि पक्के 5. कुण्डलपुर क्षेत्र कमेटी को न्यायालय में | Dome का निर्माण मूर्ति के ऊपर न्यायालय द्वारा दर्शाये गये अण्डरटेकिंग (लिखित-वायदा) देना होगी कि मूर्ति के | भाग तक ही सीमित रहेगा, लेकिन पूजा करनेवालों के लिये ऊपर गुम्बज (Dome) बनाने का पूरा व्यय वे वहन करेंगे। अस्थाई शेड आदि की व्यवस्था की जा सकेगी। जिससे यह निर्माण मानचित्र में दर्शाये गये भाग का ही होगा। शेष | उन्हें धूप या वर्षा से परेशानी न हो। भाग का निर्माण नहीं किया जावेगा। क्षेत्र कमेटी १ करोड़ | श्री हजारीलाल जी जैन का स्वर्गवास रूपये की स्योरिटी (जमानत) न्यायालय को प्रेषित करेगी ___ अ.भा.दि. जैन बघेरवाल समाज एवं श्री आदिनाथ कि निर्माण करते समय मूर्ति को किसी प्रकार की क्षति न दि. क्षेत्र चाँदखेड़ी (झालावाड़) के संरक्षक स्व. श्री हो। यदि कोई क्षति होगी, तो कमेटी को क्षतिपूर्ति करनी हजारीलाल जैन (खटोड़) का दिनांक 13 अप्रैल 2006 होगी। को प्रात: 4:00 बजे अपने कोटा जं. स्थित निवास पर 6. कुण्डलपुर ट्रस्ट को एक ऐसा प्रस्ताव पारित कर देहावसान हो गया है। न्यायालय को देना होगा, जिसमें निर्माणकार्य की पूरी डॉ. राजेन्द्र कुमार जैन, कोटा (राजस्थना) 48 / अप्रैल, मई, जून 2006 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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