Book Title: Jainstotrasandohe Part 2
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab

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Page 14
________________ अनुक्रमणिका पृष्टम् __१४ ४० स्तोत्रप्रतीकः कर्ता. उक्सग्गहरं. ( द्विजपार्श्वदेवगणिकृता टीका ) भद्रबाहुस्वामी. १ २ नमिऊण ( भयहरस्तोत्रम् ) मानतुङ्ग सूरिः (सटीकम् ) ३ श्रीचिन्तामणिकल्पः मानतुग सूरिशिष्यधर्मघोषसूरिः चिन्तामणिसम्प्रदाय: ४ श्री चिन्तामणिकम्पसारः ५ श्रीस्तम्भन० ( स्तम्भनपार्श्व०) तरुणप्रभाचार्य: ६ जस्स फणिंद० ( मन्त्रगर्भितं ) कमळप्रभाचार्यः • नमिउण० ( , ) रत्नकीर्तिसूरिः ८ श्रीपावः पातु० ( मन्त्राधिराजः ) ९ जगद् गुरुं जगदेवं (चिंतामणिपार्श्वमंत्रगर्भितम् ) जिनपतिसूरिः १० ॐ नमो देवदेवाय ( अट्टेमटेमन्त्रगर्भितम् ) मेरुतुङ्गसूरिः ११ जसु सासणएवि० (मन्त्रयन्त्रादिमयं स्तम्भन०) पूर्णकलशः ( सटीकम् ) १२ धरणोरगेन्द्र० ( सटोकं मन्त्रादिगर्भितम् ) शिवनागः १३ श्रीमदेवेन्द्र० (मन्त्रगर्भितं कलिकुण्डपार्श्व० ) . १४ ॐ नमो भगवते. (अट्टेम? मन्त्रगर्भितम् ) अजितसिंहाचार्य: १५ ॐनत्वा ० ( पार्श्वसप्ततीर्थी ०) सङ्घविजयगणि १६ स्तुवे श्रीस्तम्भनाम्भोज० ( स्तम्भनपार्श्वजिनस्तवनम् ) . १७ स्तवीमि तं पार्श्व० ,, शृङ्खलाबद्धम् १८ स्फुरत्केवल. , देवसुन्दरसूरिः १९ श्रीस्तम्भनं पार्वजिनं ,, जिनसोमसूरिः २० योगात्मनां० ( यमकमयं स्वोपज्ञाक्चूरियुतं च ) जयसागरः २१ श्रीमान् पार्श्वः० ( महेशानामण्डन० ) रत्नशेखरसूरिशिष्य १०३ ८८ ९१

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