Book Title: Jainstotrasandohe Part 2
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab
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४९ उद्यत्फणा० ( मांगरोलमण्डननवपल्लव० ) लक्ष्मीलाभ: १८४ ५० श्रीश्रीपुरा० ( श्रीपुरमण्डन-अन्तरीक्षपार्श्व०) ० ५१ कल्याणकारं ( मगसीपार्श्वस्तवनम् ) महोपा० कल्याणविजयः १९० ५२ श्रीपार्श्वनाथ० ( यमकमयं ) आल्हादमन्त्री
१९२ ५३ जयति भुजग०
बिल्हण कविः १९४ ५४ पानाथ० ५५ श्रीपार्श्व परमात्मानं
जिनप्रभसूरिः १९७ ५६ विभति यद्भा० (यमकमयं, सावचूरिकम् ) श्रीसोमसुन्दरसूरिः १९८ ५७ शान्तानम्रो० ( गतप्रत्यागमकमयम् ) शिवसुन्दरः २०४ ५८ श्रीअश्वसेन० यमकाङ्कितम्
रविसागरः ५९ निजगुरो०
विद्याविमलशिष्याणुः २०६ ६० कल्याणकेलि० ( कल्यणामन्दिस्वरणपूर्तिः ) . ६१ श्रीनिवृति० (कमलशब्दश्लेषमयं ) सटिप्पनम् हेमविमलसूरिः २१७ ६२ कल्याणाङ्कुर वारिदः ( मन्त्राधिराजकल्पः ) सागरचन्द्रसूरिः २२७
२०८
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