Book Title: Jain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 10
________________ ( IX ) श्रीपुर अन्तरिक्षपार्श्वनाथकल्प- २७६, ६. सूर्पारक - २७९ ( ब ) आन्ध्रप्रदेश – १. आमरकोण्डपद्मावतीदेवीकल्प - २८१ कुल्पाकमाणिक्यदेव कल्प- २८३, ३. श्री पर्बत २८५, २. (स) कर्णाटक - १. किष्किन्धा - २८६, २. दक्षिणापथ गोम्मटेश्वर बाहुबलि - २८७, ३. शंखजिनालय-२८७ । (द) केरल - १. मलयगिरि । सहायक ग्रन्थ सूची २६०-३१० १. जैन आगम - २९०, २. अंगबाह्य जैन साहित्य २९२, प्रशस्तिया २९५, ग्रन्थ सूची २९५, पट्टावलियाँ २९६, विदेशी यात्रियों के विवरण २९६, जैन अभिलेख सम्बन्धी ग्रन्थ २९६, ब्राह्मणीयग्रन्थ २९२, बौद्ध ग्रन्थ १९७, आधुनिक ग्रन्थ और लेख सूची २९८ अकरादिक्रमसूची ३११-३३६ १. मुनि आचार्यादि सूची - ३११, २ गणगच्छ ३१७, ३. ग्रन्थ नाम ३१७, ४. देवतादि ३२१, ५. राजा श्राववादि- ३२४, ६. भौगोलिक नामसूची (क) नगर ग्रामादि- ३२६ ( ख ) नदी पर्वत - ३३४, (ग) मंदिर चैत्यादि - ३३५ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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