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१६ वाँ अधिकार.
प्रतिमा-पूजन प्र० निराकार सिद्ध प्रभु की प्रतिमा ईच्छित वस्तु की प्राप्ति
करती है ? उ० निराकार सिद्ध पभु की प्रतिमा भी साक्षात् सिद्ध की
तरह चित्त की ईच्छित आशा को निःशंका से विस्तारित
करती है। प्र० स्थापना कैसे होती है ? उ० स्थापना स्वचित्त से होती है । प्र० स्थापना किन किन पदार्थों की होती है ? उ० स्थापना सत् ( विद्यमान ) और असत् ( अविद्यमान )
की होती है। प्र० स्थापना सेवन का फल कैसा मिलता है ? उ० लोक में भी अनाकार चीज का आकार-भाव बतलाया
जाता है। जैसे यह भगवन्त की आज्ञा है, उस का पालक