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क्षेत्रपर श्रीवीर दि० जैन विद्यालय स्थित है, जिसके द्वारा इस प्रान्तकी धार्मिक शिक्षाकी पूर्ति होती है और जो उल्लेखनीय है । सैकडो विद्यार्थी यहांसे शिक्षा ग्रहण कर विद्वान् बने है। इस विद्यालयकी स्थापना स्वर्गीय ५० मोतीलालजी वर्णीके प्रयत्नोसे हुई थी। इसकी उन्नति और सचालनमें वर्णीजीका पूरा एव वरद हस्त रहा है। बा० ठाकुरदासजीने मत्रित्वका दायित्व वहन करके उसके विकासमें अथक श्रम किया है । क्षेत्र और विद्यालय दोनोकी उन्नति तथा विकासमे दोनो महानुभावोंकी सेवायें सदा स्मरणीय रहेंगी।
पपौराजी एक ऐसा दर्शनीय और बन्दनीय क्षेत्र है जहाँ बडी शान्ति मिलती है। हमें उक्त विद्यालयमें तीन वर्ष तक अध्यापन करानेका सुअवसर मिला। इस कालमें क्षेत्रपर जो शान्ति मिली और धर्मभावना वृद्धिगत हई उसे हम क्षेत्रका प्रभाव मानते हैं। इस पुण्य तीर्थक्षेत्रका एक बार अवश्य दर्शनबन्दन करना चाहिए।
XUXUSNRISE
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