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नरक के हेतु : और फल में महादु:ख
सेक्स, हिंसा और लडाई-झगड़े के दृश्य देखने से आंख में भाले से भेदा. पिलन यंत्र से पीला जाता है।
हिंसक कंपनी के शेयर ले, उसे काटा छेदा जाता है
जुआ, दारु, हिंसाखोरी के व्यसन से विरस पान और शस्त्र से छेदन
पर स्त्री या पर पुरुष से अनाचार सेवन से दावानल की भारी पीड़ा
SHREE
जो डॉक्टर गर्भपात करे, जो स्त्री कराये, जो सहायता करे
अथवा अनुमोदन करे वे सब अनंत पीडा को पाते है
रात्रि भोजन, कंदमूल,अभश्य एवं अचार के सेवन से
दुःखमय नरक के फल भुगतने पड़ते है
ऐटमबॉम्ब, रासायनिक शस्त्रों से हिंसा एवं वैर से नारको से लड़ाई होती है
मुर्गी-मत्सय उद्योग स्थापक एवं प्रोत्साहन, प्रचार करनेवाले अनंत दु:ख पाते हैं
क्षेत्रकृत वेदना) चोरी करने वाला, पशु-पक्षी का शिकार करनेवाला नरक में घोर पीडा पाता है हिमालय से भी अनंत ठंडी, और गर्म वैतरणी नदी के दुर्गन्धमय प्रवाह में घोर वेदना
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