Book Title: Jain Stotra Sanchayasya Part 1 2 3
Author(s): Manikyasagarsuri
Publisher: Ramanlal Jaychand Shah Kapadwanj

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Page 10
________________ श्री आगमोद्धारकग्रन्थमालाया एकादशं रत्नम् ___ॐ नमो जिनाय आगमोद्धारक-आचार्यप्रवर-श्री० आनन्दसागरसूरीश्वरेभ्यो नमः जैनस्तोत्रसञ्चयस्य प्रथमो विभागः संशोधक :परमपूज्य-गच्छाधिपति आचार्यश्रीमन्माणिक्यसागरसूरिः द्रव्यसहायक :मुनिश्रीलाभसागरमहाराजोपदेशाच्छाणीग्रामस्थजैनसंघः ॥ प्रतय ५००-मूल्यम् रू. १-० वीर सं. २४८६-वि. सं. २०१६ प्रकाशक :रमणलाल जयचन्द शाह ठे. शेठ मीठाभाइ कल्याणचंदनी पेढी कपडवंज (जि. खेडा) मुद्रक :रमणलाल नानालाल शाह अशोक प्रिन्टरी रावपुरा वडोदरा "Aho Shrut Gyanam"

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