Book Title: Jain Stotra Puja Path Sangraha
Author(s): Veer Pustak Bhandar Jaipur
Publisher: Veer Pustak Bhandar Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ क्र स० ( ख ) ३५ रविव्रत पूजा ३६ श्रीश्रादिनाथ पूजा ( नाभिराय मरुदेवि के ) ३७ पचवालयती तीर्थङ्कर पूजा ३८ पचपरमेष्ठी पूजा पृ १२३ ४०. श्रीशान्तिनाथ पूजा पृ १३२ ४२ श्रीपार्श्वनाथ पूजा पृष्ठ म० ११० ११५ ११६ १२७ १३६ १४० १४५ १४६ १५४ १५८ १६४ ४६ श्रीचपापुर सिद्धक्षेत्र पूजा पृ १६६ । ४६ श्रीगिरनार पूजा १६६ ५० श्रीपावापुर सिद्ध क्षेत्रपूजा पृ १७२ । ५१ श्रीवाहुवली पूजा १७४ ५२ नवग्रह अरिष्ट निवारक पूजा १७८ ५३ कलिकुण्ड पार्श्वनाथ पूजा पृ १५१ । ५४ रक्षावधन पूजा १८६ ५५ सलूना पर्व पूजा १८६ ५६ चौसठ ऋद्धि (समुच्चय) पूजा ३६ श्रीचन्द्रप्रभ पूजा ४१ श्रोनेमिनाथ पूजा ४२ श्रीपद्मप्रभ पूजा (० क्षेत्र पद्मपुरा क्षेत्र स्थित ) ४४ चांदनगाँव महावीर पूजा (श्रीमहावीर क्षेत्र स्थित ) ४५. श्रीचन्द्रप्रभ पूजा (प्र० क्षेत्र देहरा- तिजारा स्थित ) ४६ सिद्धक्षेत्र श्रीसम्मेद शिखर पूजा ४७ श्रीकैलागिरि पूजा १६२ ५= महा प्रघं १९६ २०१ २०२ २०३ २०४ २०७ ६४ विसर्जन २०६ ६५ श्री त्रय जिनेन्द (शांतिनाथ चन्द्रप्रभ महावीर जिन) पूज्य २०४ पृष्ठ २१४ पर ( अन्तिम तीन पक्ति गलती से छप गई काट दें ५७ श्रीवर्द्धमान जिन पूजा पृ १६४ । ५६ पचपरमेष्ठी जयमाला ( प्राकृत ) ६० गान्तिपाठ भाषा ६१ भजन नाथ तेरी पूजा को फल पायो । ६२ भाषा स्तुति (तुम तरण तारण) ६३ शान्ति पाठ संस्कृत ६६ व्रतो की जायें ६७ आरती ६८. श्री पार्श्वनाथ की स्तुति (तुमसे लागी लगन ) २१५ २१७ २१८

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 443