Book Title: Jain Stotra Puja Path Sangraha
Author(s): Veer Pustak Bhandar Jaipur
Publisher: Veer Pustak Bhandar Jaipur

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Page 7
________________ २९ ३६ विषय-सूची क्रम स० 'पृष्ठ सं. १. मङ्गलाचरण २ अभिषेक पाठ 1 • लघुपञ्चामृताभिक भाषा ४ विनय पाठ । पृ७ ५ पूजन प्रारम्म । .६ देव शास्त्र गुरु की भाषा पूजा ७ देवशास्त्रगुरुपूजा (श्रीयुगलजी कृत) । १७ ८ वीस तीर्थङ्कर भाषा पूजा । ९ देरशास्त्रगुरु, विद्यमान तीर्थकर एवं सिद्धपूजा (समुच्चय) २६ १० तीस चौबीसी का अर्थ २८ ११. विद्यमान वीस तीर्थकर का अर्ष २६ १२ कृत्रिम व अकृत्रिम चैत्यालयो का अर्थ १३ सिद्धपूजा द्रव्याष्टक । १४ सिद्धपूजा का भावाष्टक १५ सिद्ध चक्र पूजा (पष्ट करम करि०) १६ समुच्चय चौवीसी पूजा १७ सित पूजा (परमब्रह्म-द्यानतराय कृत) । ४३ १८ सिद्ध पूजा (स्वय सिद्ध जिन-कवि लाल कृत) । । ४७ १६. निर्वाण क्षेत्र पूजा पृ ५१ २० सप्तऋषि पूजा ५४. २१. सोलह कारण पूजा पृ ५८ २२. पञ्चमेरु पूजा २३. नन्दीश्वर द्वीप (अष्टाह्निका) पूजा । २४ दश लक्षण धर्म पूजा २५ रत्नत्रय पूजा (समुच्चय) २६ दर्शन पूजा पृ. ७६ २७ ज्ञान पूजा ७८ २८ चारित्र पूजा पृ.८० २६ देव पूजा (प्रभु तुम)८२ ३. सरस्वती पूजा पृ ५५ ३१ गुरु पूजा ८८ ३२. अकृत्रिम चैत्यालय पूजा ३३. श्री ऋषि मण्डल पूजा ३४ तीस चोवीसी की पूजा १०५ ६४

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