Book Title: Jain Stotra Puja Path Sangraha
Author(s): Veer Pustak Bhandar Jaipur
Publisher: Veer Pustak Bhandar Jaipur

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Page 6
________________ प्राप्ति स्थान वीर पुस्तक भण्डार मनिहारी का रास्ता, जयपुर-३ ( गज०) [ फोन ७३५२५, निवाम ७६६६७ ] - वीर पुस्तक मन्दिर श्री महावीरजी, जिला-मवाई माधोपुर ( राजस्थान ) -- मुद्रक श्री वीर प्रेम मनिहारो का रास्ता, जयपुर - 3 कृपया सशोधन करके पढ़ें । पृष्ठ १५० - पक्ति १४ वी मे धूप की जगह दीप पढ़ें उसके बाद पढे दश विधि ले घूप बनाय, तामे गध मिला । तुम सन्मुख खेऊ प्राय, ग्राठो कर्म जला । चादन० ॥ धूप || पृष्ठ १५१--१क्ति २० वी के बाद पढ़ें । ॐ ह्री महावीर जिनाय वैशाख शुक्लादशम्या केवलज्ञानप्राप्तायाध्यं । कार्तिक जु श्रमावश कृष्ण, पावापुर ठाही । भयो तीनलोक मे हर्ष, पहुॅके शिव माही || चादन० ॥ -

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