Book Title: Jain Sahitya Sanshodhak Samiti 1921 Author(s): Jinvijay Publisher: Jain Sahitya Sanshodhak Karyalay View full book textPage 2
________________ RANENERMANENENEVENERNMENENKANKINE NEEMES जैन साहित्य संशोधकना द्वितीय खण्डमां । केवा केवा विषयो आवशे ते जाणवू होय, तो आ नीचेनी नोंध ध्यानपूर्वक वांचो बीजा खण्डमां, जैन धर्मना प्राचीन गौरव उपर अपूर्व प्रकाश पाडनारा अनेक प्राचीन * शिलालेखो अने ताम्रपत्रो प्रकट थशे. बीजा खण्डमां, जैन संघना संरक्षक जुदा जुदा गच्छोनी पट्टावलियो प्रसिद्ध थशे. बीजा खण्डमां, जैन साहित्यना आभूषणभूत ग्रन्थोना परिचयो अने तेनी प्रशस्तिओ - प्रसिद्ध थशे. बीजा खण्डमां, जैन अने बौद्ध साहित्यनी तुलना करनारा प्रौढ अने गंभीर लेखो * आवशे. बीजा खण्डमां, भगवान महावीर देवना निर्वाण समय संबंधी जुदा जुदा विद्वानोए लखेला स लेखोनां भाषान्तरो तथा स्वतंत्र लेख आवशे. बीजा खण्डमां, पो० बेवरनी लखेली जैन आगमो वेबरनी विस्तृत समालोचना आपवामां आवशे बीजा खण्डमां, जैन साहित्यमा उल्लिखित प्राचीन स्थळोनां वर्णनो आवशे. बीजा खण्डमां, बौद्ध साहित्यमां जैन धर्मविषये शा शा विचारो लखाएला छे तेना विचित्र उल्लेखो आवशे. बीजा खण्डमां, जैन संघमां आज पर्यंत थई गएला बधा प्रसिद्ध पुरुषोनो टुंक परिचय आपवामां आवशे. __आ सिवाय बीजा पण अनेक नाना मोटा अपूर्व अपूर्व लेखो प्रकट करवामां आवशे अने 6 साथे तेवा ज सुन्दर, मनहर, दर्शनीय अने संग्रहणीय अनेक चित्रो पण यथायोग्य आपवामां आवशे. KAMKANENEINKANENENEMIKALNEYLEYLANILEAKAIRAKASAMKALANK aantasAISMISSISTRISANKRAKePage Navigation
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