Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 7
Author(s): Ambalal P Shah
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 276
________________ ( १५ ) महाकीर्ति-२२० रात्रिभोजनत्यामकथा- २४० महापुराण--२२२, २३७ रामकीर्ति--२२१ महापुराण की आलोचना की समीक्षा रामचन्द्र.-२०९ २३८ रामचन्द्र हलदुलि.-२०७ महापुराणामृत--२३९ रामटेकछन्द--२१९ महावीर आरती--२२४ रामटेक शांतिनाथ विनती--२२७ महावीर चरित्र--२३६ रामायण- २०८ महावीर पालना--२२० रामायणरास-२०७ महीचन्द्र.२१९, २२० रामयणी कथा--२१० माणिक--२३२ राय--२१७ माणिकनन्दि--२२३ राया--२३४ मुक्तागिरि पार्श्वनाथ आरती--२२९ रावजी नेमचन्द शहा.-२३९ मुनिसुव्रत की विनती-२१५ रावजी सखाराम दोशी--२३९ मेघमालाव्रतकथा-२२५ रुक्मिणीव्रतकथा--२१६ मेघराज--२१० रुक्मिणीहरण-२०९ यमासा--२२६ रूपिणी.-२३८ यशोधर चरित्र--२११ लक्ष्मीचन्द्र--२२५ यशोधरपुराण-२१२ लक्ष्मीसेन शिष्य-२३३ यादवसुत--२२२ लवांकुश चरित्र२३६ रतन-२२७ लहु-अंकुश कथा--२२४ रत्नकरण्डवचनिका का अनुवाद--२३८ लावणी--२३० रत्नकीति-२३१ विंचूगीत-२०८ रत्नत्रय आरती-२२२ वन्दे जिनवरम् -२३७ रत्नत्रयमार्ग प्रदीप--२३७ विवेकविलास--२०९ रत्नत्रयव्रत कथा-२३० विशालकीति (प्रथम )--२१६ विशालकीति ( द्वितीय )-२१७ रत्नमाला--२४० विश्वतत्त्वप्रकाश--२१२ रत्नसा.-२१७ रयणसार--२३७ वीतरागस्तोत्र--२२४ रविव्रतकथा-२१८, २२७, २३०, वीरदास-२१२, २१३ वृषभ--२२७ रविवारव्रतकथा:-२१६ वर्धमानचरित-२४० राघव--२२८ शान्तिनाथ आरती.-२२४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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