Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 7
Author(s): Ambalal P Shah
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 274
________________ ( १३ ) ज्ञानोदय-२३४ देवेन्द्रकीति-२२१ झूलना--२२२ देवेन्द्रकीर्तिशिष्य-२२७ ठकाप्पा--२३३ दौपदीहरण--२२२ तत्त्वभावना- २४० बादशानुप्रेक्षा.-२४० तत्त्वार्थसूत्र--२३७, २३८ द्रव्यसंग्रह-२३६ तात्याकेशव चोपडे--२३९ धन्दा गीत--२०९ तात्या नेमिनाथ पांगळ--२३७ धर्मपरीक्षा.-२२१ तानू पंडित-२२६ धर्मफाग--२११ तीर्थकरों की प्राचीनता--२३९ धर्मामृत-२०८, २२९ तीर्थकर चरित्र.-२३७ धर्मामृतपुराण-२१४ तीर्थकर भूपाली.-२३० धर्मशर्माभ्युदय महाकाव्य--२३६. तीर्थकरस्तुति-२३० नन्दीश्वर आरता.-२२२ तीर्थवन्दना--२१०, २१५, २१८ नन्दीश्वर पूजा--२२४ तुगीबलभद्रपूजा-२१८ नन्दीश्वर व्रतकथा--२१९ तुकुजी--२३४ नगरतारको.-२६९ त्रिकाल तीर्थकर पूजा--२१५ नयनतारा--२३९ पनक्रिया विनती--२१८ नवकारमन्त्रप्रकृति--२१३ श्रेणिकाचार--२३७ नवग्रह आरती-२३२ दत्तात्रयभिमाजी रणदिवे-२३८ नवग्रह पूजा-२२४ दयाभूषण-२१४ नवधाभक्ति चर्चा-२३५ दयासागर--२१४, २१९ नववाडी--२२७ दयासागर (द्वितीय )-२३१ नागकुमारचरित--२४० दशभक्ति--२४० नागेन्द्रकीर्ति--२३२ दशलक्षणधर्म आरती-२९८, २२४ नागो आया.-२११ दशलक्षण धर्म सवैया-२२५ नाना रामचन्द्र नाग--२३६ दशलक्षण व्रतकथा--२२८, २३० निर्दोषसप्तमीकथा--२२४॥ दानप्रशंसा-२३० निर्दोषसप्तमीव्रतकथा--२२० दानशीलतपभावना-२१३, २१४ निर्दोषसप्तमीव्रतोद्यापन--२२७. दामा पण्डित-२१३, २१४, २१७ । निर्माल्य द्रव्यचर्चा-२३५ दिनासा--२२७ नोबा--२२२ दिलसुख-२३२ नीलीचरित-२३८ देवीपद्मावतीलावणी-२३२ नेमिदत्त--२३१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


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