Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 7
Author(s): Ambalal P Shah
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 10
________________ विषय-सूची (अ) कन्नड जैन साहित्य का इतिहास १-९६ अध्याय १ कन्नड साहित्य का आरम्भ काल १-१२ श्रीवर्धदेव ८, दुविनीत ८, श्री विजय ८, नृपतुंग ९, असग १०, गुणनन्दि १०, गुणवर्म १०, शिव कोट्याचार्य ११ अध्याय २ पंप युग १३-६२ आदिकवि पंप १४, पोन्न १९, रत्न २०, चाउण्ड राय २७, श्रीधराचार्य २९, दिवाकरनन्दी ३०, शांतिनाथ ३१, नागचन्द्र ३२, कंति ३९, नयसेन ४१, राजादित्य ४६, कीर्तिवर्म ४७, ब्रह्मशिव ४८, कर्णपार्य ५०, सोमनाथ ५६, वृत्तविलास ५७, नागवर्म ६० अध्याय ३ चम्पू युग ६३-८१ नेमिचन्द्र ६३, बोप्पण पण्डित ६५, अग्गल ६६, बंधुवर्म ६८, पाश्वं पण्डित ६९, जन्न ७०, गुणवर्म द्वितीय ७४, कमलभव ७६, महाबल ७७, आंडय्य ७८, मल्लिकार्जुन ७९, केशीराज ७९, नागराज ८०, बाहु बलि और मधुर ८१, मंगराज अथवा मंगरस ८१ अध्याय ४ षट् पदि और सांगत्य युग ८२-९१ भास्कर ८२, कल्याणकीर्ति ८२, विजयण्ण ८५, शिशुमायण ८५, मंगरस ८७, अभिनववादि विद्यानन्द ८८, साल्व ८८, दोड्डय्य ८९, बाहुबलि ८९, गुणचन्द्र ८९, भट्टाकलंक ९०, धरणि पण्डित ९१, देवचन्द्र ९१ ऐतिहासिक ग्रन्यों की सूची ९२-९६ (ब) तमिल जैन साहित्य का इतिहास ९७-१९८ अध्याय १ जैन धर्म और तमिल देश ९९-१२९ जैन नामों का तमिल रूप ९९, जैन धर्म की परम्परा ९९, दक्षिण में जैन धर्म का प्रवेश १००, आदिकाल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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