Book Title: Jain Pratima Vigyan
Author(s): Balchand Jain
Publisher: Madanmahal General Stores Jabalpur

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Page 217
________________ देशना २०५ तिलोयपण्णत्ती, यथाप्रसंग प्रवचनमारोद्धार, २ अनेक स्थानों पर विषापहारस्तोत्र, ४ दीपार्णव, १० वृहत्संहिता, १०, १५, १६, ११८ देवतामूर्तिप्रकरण, १० भक्तामर स्तोत्र, ४ देवीमाहात्म्य, ११७ भैरवपद्मावतीकल्प, ५ द्वादशाग पागम, ५३ मत्स्यपुराण, ११६-२० धर्मरत्नाकर, ६ नहापुराण, ३ ७ निर्वाणकलिका, ह तथा अन्यत्र महाभारत, १५ नेमिनाथ चरित, ३ मंत्राधिराजकल्प, ६ पटमचरिउ, ३ मानमार, १०, १७ पठिन मिद्धमारस्वतस्तव, ५ मानसोल्लास, ११८ पंचवास्तुप्रकरण, १० यम्तिलकत्तम्यू, १ पद्मचरित, रविषेण कृत, ३ यक्षिणीकल्प, ५ पद्मानंदमहाकाव्य, २,३ रत्नकरंडश्रावका वार, १ पार्श्वनाथचरित, ३ राजवल्लभ, १० प्रतिष्ठाकप, माघनदि कृत, रूपमरन, १० तथा अन्यत्र - भट्टाकलंक कृत, वरागचरित, प्रतिष्ठाकल्पटिप्पण, ८ वास्तुमारप्रकरण, १० प्रतिष्ठानिलक, नमिचन्द्र कृत, तथा विद्यानुवाद, ३, ५ अन्यत्र यथाप्रसंग विविधतीथंकल्प, १० - ब्रह्ममूरि कृत, विवेकविलाम, ६, १७ प्रतिष्ठादीपक, नरेन्द्रमेन कृत, विशेषावश्यक भाष्यटीका, १०६ प्रतिष्ठादर्श, राजकीनि भट्टारक कृत, ६ विष्णु पुराण, ४२, ११८-१६ प्रतिष्ठापाठ, जयसेन कृत, ६ तथा वैदिक महिता. ११८ अन्यत्र यथाप्रमंग शाग्दास्तवन ५ -हम्तिमल्ल कृत, ८ शुक्रनीति, १४ - मकलचन्द्र उपाध्याय, ह श्रावकाचार, वमुनन्दि कृत, १, ७ प्रतिष्ठासारसंग्रह, वमुनन्दि कृत, ७ -रत्नकरंड, १ तथा अन्यत्र यथाप्रसंग -युग, ६ प्रतिष्ठामारोद्धार, माशापर कृत ७ धीदेवीकल्प, ६ तथा अन्यत्र यथाप्रसंग सत्यशासनपरीक्षाप्रकरण, ८

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