Book Title: Jain Pratima Vigyan
Author(s): Balchand Jain
Publisher: Madanmahal General Stores Jabalpur

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Page 224
________________ ग्रन्थ निर्देश [उन ग्रन्यो को छोड़कर जिनका उल्लेख देशना पृष्ठ २०४-०६ पर किया जा चुका है] अद्भुतपद्मावतीकल्प : श्रीचन्द्रमूरि अन्तगडदशाम्रो : प्रभयचन्द्रमूरि कृत टीका अभिधानचिन्तामणि : प्राचार्य हेमचन्द्र अपगजितपृच्छा : भुवनदेव प्राचार दिनकर : वर्धमानमूरि, पंस्ति केमरीसिह मोमवाल बम्बई द्वारा दो जिन्दो में प्रकाशित सस्करण । एकविंशतिस्थानकप्रकरण : मुनि चतुरविजय द्वारा सम्पादित काण्ट्रीब्यूशन टू ए बिब्लियोग्राफी : हरिदास मित्रा, विश्वभारती, शान्तिपॉफ इण्डियन प्रार्ट एण्ड एम्थेटि- निकेतन, १६५१. कम, प्रथम खण्ड : कामचाण्डालिनीकल्प : मल्लिपेण कनन्स मॉफ इण्डियन प्रार्ट : तारापद भट्टाचार्य कैटलाग पॉफ मथुरा म्यूजियम : वी० एस० अग्रवाल खजुराहो की देव प्रतिमाएं : डा० रामाश्रय प्रवस्थी, प्रागरा, १९६७ घण्टाकर्णमणिभद्रतंत्रमंत्र : साराभाई नबाब, अहमदाबाद चन्द्र प्रज्ञप्ति : शान्तिचन्द्र कृत टीका, देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फण्ड, बम्बई, १९२० चतुर्विशतिजिनेन्द्रचरित : अमरचन्द्रसूरि चक्रेश्वरी स्तोत्र : जिनदत्तसूरि जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति : शान्तिचन्द्र कृत टीका, देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोदार फण्ड, बम्बई, १९२०

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