Book Title: Jain Muni Ki Aachar Samhita Ka Sarvangin Adhyayan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 461
________________ 399...जैन मुनि के व्रतारोपण की त्रैकालिक उपयोगिता नव्य युग के..... सहायक ग्रन्थ सूची __ ग्रन्थ का नाम लेखक/संपादक पंडित आशाधर | 1. अनगारधर्मामृत प्रकाशक वर्ष | | माणकचन्द दिगम्बर जैन |1919 ग्रन्थमाला समिति, बम्बई आचार्य राजेन्द्रसूरि 1986 | 2. अभिधानराजेन्द्रकोश (भा.5) अभिधान राजेन्द्र कोश संस्था, रतनपोल, अहमदाबाद 3. अंतकृतदशासूत्र (अंगसुत्ताणि भा.3) संपा.युवाचार्य महाप्रज्ञ | जैन विश्व भारती, लाडनूं |वि.सं. |2049 आचार्य वर्धमानसूरि निर्णयसागर मुद्रालय, 1922 मुम्बई 4. आचारदिनकर (भा. 1-2) संपा. मधुकरमुनि 1980 5. आचारांगसूत्र (भा. 1-2) |आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर सौभाग्यमलजी म. 6. आचारांगसूत्र (भा. 1-2) धर्मदास जैन मित्र मंडल, 1982 रतलाम संपा.युवाचार्य महाप्रज्ञ | जैन विश्व भारती, लाडनूं 7. आचारांगसूत्र (अंगसुत्ताणि भा. 3) वि.सं. |2049 8. आवश्यक सूत्रम् मलयगिरि टीका श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट, मुंबई वि.सं. |2046 | 9. आवश्यकनियुक्ति हारिभद्रीया वृत्ति | (भा. 1-2) टीका. आचार्य हरिभद्रसूरि | श्री भैरूलाल कनैयालाल कोठारी धार्मिक ट्रस्ट, | मुंबई वि.सं. |2038 10. आवश्यकचूर्णि | (भा. 1-2) ऋषभदेव केसरीमल श्वेताम्बर |1928 संस्था, रतलाम -29

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