Book Title: Jain Meghdutam
Author(s): Mantungsuri, 
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 368
________________ सहायक ग्रन्थ सूचनिका १२९ काव्यमाला काव्यप्रकाश विद्या भवन, वाराणसी-१, प्रथम संस्करण, सन् १९६३. : १३वॉ पुष्प, प्रका०-निर्णय सागर प्रेस, बम्बई. : आचार्य मम्मट, व्याख्या-आचार्य विश्वेश्वर, प्रका०-ज्ञानमण्डल लि०, वाराणसी, प्रथम संस्करण, १९६०. : दण्डी कवि, प्रका०- श्री कमलमणि ग्रन्थमाला कार्यालय, वाराणसी, वि०सं० १९३८. : भामह, प्रका०-बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना सन् १९६२. : रुद्रट, व्याख्या-रामदेव शुक्ल, प्रका०-चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, प्रथम संस्करण, सन् काव्यादर्श काव्यालंकार काव्यालंकार काव्यालंकारसूत्र कुमारसम्भव गरुडपुराण घटखपरकाव्य : वामन, व्याख्या-आचार्य विश्वेश्वर, प्रका० आत्माराम एण्ड सन्स, दिल्ली, सन् १९५४. : कालिदास, सम्पा०-वासुदेव लक्ष्मण शास्त्री, प्रका०-निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, बारहवाँ संस्करण, सन् १९५३. : महर्षि व्यास, प्रका०-संस्कृति संस्थान, बरेली, द्वितीय संस्करण, सन् १९६९. : घटखर्पर कवि, व्याख्या-रामपाल शास्त्री, प्रकाशक-चौखम्बा अमरभारती प्रकाशन, वाराणसी। : विमलकीर्तिगणि, प्रका०-श्री जिनदत्तसूरि ज्ञान भण्डार, सूरत, वि०सं० २००९. : नीतिज्ञ चाणक्य, प्रका०-चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी. : हेमचन्द्राचार्य, प्रका०-निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, प्रथम संस्करण, सन् १९१२. : गंगादास, "प्रभा" व्याख्यासहित, प्रका० चौखम्बा अमरभारती प्रकाशन, वाराणसी. : फतेहचन्द बेलानी, प्रका०-पार्श्वनाथ विद्याश्रम ... शोध संस्थान, वाराणसी-५, चन्द्रदूत चाणक्यनीति छन्दोनुशासन छन्दोमंजरी / जैन ग्रन्थ और ग्रन्थकार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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