Book Title: Jain Meghdutam
Author(s): Mantungsuri, 
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 369
________________ १३० जैनमेघदूतम् जिनरत्नकोश : हरिदामोदर वेलणकर, प्रका०-भाण्डारकर ओरि यण्टल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना, १९४४.. जैन ग्रन्थावली : प्रका-श्री जैन श्वेताम्बर कांफ्रेंस, बम्बई, वि. सं. १९६५. जैनमेघदूत : आचार्य मेरुतुंग, प्रका०-श्री जैन आत्मानन्दसभा, भावनगर, सन् १९२४. जैन संस्कृत साहित्यनो : ले०-प्रो० होरालाल रसिकलाल कापडिया इतिहास ( भाग १-२-३ ) प्रका०-श्री मुक्तिकमल जैन मोहनमाला, बड़ौदा,प्रथम संस्करण, सन् १९५६. जैन साहित्य और इतिहास : ले०-नाथूराम प्रेमी, प्रका०-हिन्दी ग्रंथ रत्नाकर, प्रा० लि०, बम्बई, द्वितीय संस्करण, सन् १९५६. जैन साहित्य का बृहद् : श्री गुलाबचन्द चौधरी, प्रका०-पार्श्वनाथ विद्याइतिहास भाग ६ श्रम, शोध संस्थान, वाराणसी-५ । जैन साहित्यनो संक्षिप्त : ले०-मो० दली० देसाई, प्रका०-श्री जैन श्वे. इतिहास __ कान्फ्रेंस, बम्बई, प्रथम संस्करण, सन् १९३३. जैन सिद्धांत भास्कर : आरा (बिहार), ( षण्मासिक पत्रिका) दि बर्थ प्लेस आफ कालिदास : ले०-लक्ष्मीधर कल्ला, दिल्ली, सन् १९२६. ध्वन्यालोक : आनन्दवर्धन, प्रका०-गौतम बुक डिपो, दिल्ली, - प्रथम संस्करण, सन् १९५२. ध्वन्यालोक लोचन : अभिनव गुप्त, प्रकाo-मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, प्रथम संस्करण, सन् १९६३. नलचम्पू : त्रिविक्रम भट्ट, सम्पा-कैलाशपति त्रिपाठी, प्रका०-चौखम्बा संस्कृत संस्थान, वाराणसी, तृतीय संस्करण, वि०सं० २०३४. नवसाहसांकचरित : पद्यगुप्त परिमल, व्याख्या-जितेन्द्रचन्द्र भारतीय, प्रका०-चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-१. नाट्यशास्त्र : भरतमुनि, प्रका-चोखम्बा संस्कृत सीरीज, वाराणसी, सन् १९२९. निरुक्त : महर्षियास्क, प्रका०-श्री वेंकटेश्वर मुद्रणालय, बम्बई, प्रथम संस्करण, वि०सं० १९८२. : कवि विक्रम, प्रका०-जैनप्रेस, कोटा. नैषधचरित : श्री हर्ष, व्याख्या-हरगोविन्द शास्त्री, प्रका० चौखम्बा संस्कृत सीरीज, वाराणसी-१, प्रथम संस्करण, सन् १९५४. Jain Education International For Private & Personal Use Only नेमिदूत www.jainelibrary.org

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