Book Title: Jain Meghdutam
Author(s): Mantungsuri, 
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 372
________________ सहायक ग्रन्थ सूचनिका १३३ मेघदूत : एक अनुशीलन : ले०-६० देवदत्त शास्त्री, प्रका०-चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी. मेघदूत की वैदिक पृष्ठभूमि : ले०-सुधीर कुमार गुप्त, प्रका०-भारतीय मंदिर, और उसका सांस्कृतिक : खुरजा, उ० प्र०, प्रथम संस्करण, सन् १९५४. अध्ययन रघुवंश : कालिदास, व्याख्या-हरगोविन्द मिश्र, प्रका० चौखम्बा संस्कृत सीरीज, वाराणसी, तृ० सं०, सन् १९६१. रस सिद्धान्त : ले०-डा० नगेन्द्र, प्रका०-नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली, प्रथम संस्करण, सन् १९६४. वाचस्पत्यम् (पं० भा०) :: संकलनकर्ता-तारानाथ भट्टाचार्य, प्रका० चौखम्बा संस्कृत सीरीज, वाराणसी, प्र० सं०, सन् १९६२. वाल्मीकीय रामायण : महर्षि वाल्मीकि, सम्पा०-नारायण स्वामी अय्यर, प्रका०-मद्रास ला जर्नल प्रेस, मद्रास, सन् १९३३. विक्रमांकदेवचरितम् : कवि बिल्हण, सम्पा०-रामावतार शर्मा, प्रका० ज्ञानमण्डल लि०, वाराणसी, प्र० सं०, वि०सं०, १९७८. वैदिक पदानुक्रम कोश : विश्वबन्धु शास्त्री, प्रका०-वि० वै० शोध ( तृतीय खंड) संस्थान, होशियारपुर, प्रथम संस्करण, सन् १९३६. वृत्तमौक्तिक : भट्टचन्द्रशेखर, सम्पा०-विनयसागर, प्रका० राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर, प्रथम संस्करण, सन् १९६५. वृत्त रत्नाकर : केदारभट्ट, सम्पा०-नृसिंहदेव शास्त्री, प्रका०संस्कृत पुस्तकालय, दरियागंज, दिल्ली, प्रथम संस्करण, सन् १९७१. वृत्तवातिक : रामपाणिपाद, सम्पा०--साम्बशिव शास्त्री, प्रका०--त्रावणकोर राज्य द्वारा राजकीय प्रेस में, सन् १९३७. -शब्दकल्पद्रुम (द्वि. का.) : राधाकान्तदेव, प्रका०-मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, प्रथम संस्करण, सन् १९६१. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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