Book Title: Jain Meghdutam
Author(s): Mantungsuri, 
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 373
________________ १३४ शब्दरत्नमहोदधि ( द्वि० भाग) श्री आर्यकल्याण गौतम स्मृति ग्रन्थ श्रीमद्भागवत् श्रुतबोध संस्कृत आलोचना संस्कृत कवि चर्चा संस्कृत कवि दर्शन संस्कृत काव्यकार संस्कृत काव्य के विकास में जैन कवियों का योगदान संस्कृत के सन्देश काव्य संस्कृत नाटककार संस्कृत शास्त्रों का इतिहास संस्कृत साहित्य का इतिहास संस्कृत साहित्य का इतिहास Jain Education International जैनमेघदूतम् : श्री मुक्ति विजय जी, प्रका०--श्री विजयनीति - सूरि वाचनालय, अहमदाबाद, प्रथम संस्करण, सन् १९४१. : सम्पा०--मुनि कलाप्रभसागरजी, बम्बई. : महर्षि वेदव्यास, प्रका०-- गीताप्रेस गोरखपुर, 1 : कालिदास, व्याख्या --ब्रजरत्न भट्टाचार्य प्रका०--- निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, षष्ठ सं. सन् १९२८. : पं० बलदेव उपाध्याय, प्रका०--- -- हिन्दी समिति, सूचना विभाग, उत्तर प्रदेश, द्वितीय सस्करण, सन् १९६३. : पं० बलदेव उपाध्याय, प्रका० - मास्टर खेलाड़ी लाल एण्ड सन्स, वाराणसी, प्रथम संस्करण, सन् १९३२. : डा० भोलाशंकर व्यास, प्रका०-- चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी. : हरिदत्त शास्त्री, प्रका० - साहित्य भण्डार, मेरठ, द्वितीय संस्करण, सन् १९७०. : डा० नेमिचन्द्रशास्त्री, प्रका०--भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, प्रथम संस्करण, सन् १९७१. : डा० रामकुमार आचार्य, प्रका० - डा० रामकुमार आचार्य, संस्कृत विभाग, राजकीय कालेज, अजमेर, सन् १९६३. : कान्ति किशोर भरतिया, प्रका० - प्रकाशन शाखा, सूचना विभाग, उत्तर प्रदेश, प्रथम संस्करण, सन् १९५९. : पं० बलदेव उपाध्याय, प्रका०--शारदा मंदिर, वाराणसी, प्रथम संस्करण, सन् १९६९, : वाचस्पति गैरोला, प्रका० - चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, प्रथम संस्करण, सन् १९६०. : पं० बलदेव उपाध्याय, प्रका० - शारदा मंदिर, वाराणसी, तृतीय संस्करण, सन् १९५३. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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