Book Title: Jain Kumar Sambhavakhyam Author(s): Jayshekharsuri Publisher: Acharyarakshit Pustakoddhar Sanstha View full book textPage 3
________________ ॥ श्री जिनाय नमः ॥ अनन्तलब्धिनिधानाय श्री गौतमस्वामी गुरुभ्यो नमः ।। अंचलगच्छस्थापक आर्थरक्षित गुरुभ्यो नमः श्रीमज्जयशेखर सूरिविरचितम् श्री जैनकुमारसंभवाख्य महाकाव्यम्--टीकासहितं च ॥ - प्रशाशयित्रि :जामनगर श्री आचार्यरक्षित पुस्तकोद्धार संस्था. : मुद्रिता : जामनगर श्री जैनभास्करोदय मुद्रणालये जेसंगलाल हीरालालेन मुद्रयित्वा. भूल्यम् ४-०-० iborPage Navigation
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