Book Title: Jain Kaviyo ka Itihas ya Prachin Hindi Jain Kavi
Author(s): Mulchandra Jain
Publisher: Jain Sahitya Sammelan Damoha

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Page 199
________________ भैया भगवतीदास · १८७ 麵 Sooy Vinwaa⌁A प्रथम द्वितीय तृतीय प्रश्न के उत्तर ' करी न ' शब्द के तीन अर्थ से निकलते हैं (१ कड़ी नहीं है, २ बनवाई नहीं है, ३ हाथी नहीं है ) दूसरे पाद के चौथे पाँचवे छठवें प्रश्न के उत्तर ' घरी न ' शब्द के तीन अर्थ निकलते हैं (१ घड़ा नहीं, २ घड़ी नहीं, ३ बनी नहीं) तृतीय पाद के तीन प्रश्नों का उत्तर 'भरी न' से निकलते हैं (१ भरी नहीं गई, २ भरी नहीं, ३ जल से नहीं भरी ) चतुर्थ पाद के प्रश्नों का उत्तर 'धरी न' के तीन अर्थ से निकलता है । (१ पंसेरी नहीं, २ रक्खी नहीं, ३ धारण नहीं की ) ? सीन

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