Book Title: Jain Jagat ke Ujjwal Tare
Author(s): Pyarchand Maharaj
Publisher: Jainoday Pustak Prakashan Samiti Ratlam

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Page 5
________________ श्री पंगालिगा सरदार अन्यमाला ना पुष्य नं०३ जैन जगत् के उज्ज्वल तारे (सचित्र) लग जैन दिवाकर प्रसिद्धबहा पं० मुनि श्री चौथमलजी महाराज के शिष्य साहित्यप्रेमी गणिवर्य पंडित मुनि श्री प्यारचन्दजी महाराज प्रकाशक श्री जैनोदय पुस्तक प्रकाशक समिति, रतलाम. प्रथमावृत्ति । कुल:२००० मूल्य छः श्राने वी०२४६३ वि० १६६३

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