Book Title: Jain Hiteshi 1917 Ank 11
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 49
________________ Deavitevtuotavitadkaviduatestosterdastavtensterstudiaantestantrastrea MUNRousandsaurutOut SatuOUR பேயேபாபபேசியேபோயபபோலே Searchestressurecauscusdeciseasestactarscretreatervadndikandardstercilestosterstanditatumstraige मेहरवान साहब, बम्बईका हर किस्मका माल-स्टेशनरी, हेर आइल, इत्र, ई लवंडर, कोलनवाटर, सब तरहके साबुन, कांच, किताबें, तसबीरें, ग्यास, दबाइयाँ, मोमबत्ती, सोनेचांदीके बटन, घड़ियाँ, मोजा, बुनयाइन, रूमाल, सब तरहका कपड़ा। ई आदि-सस्ता और फायदेसे आर्डर मिलतेही वी. पी. से भेजते हैं। एक बार मँगाकर खातरी कीजिए। मेसर्स जॉली सीन्डेला एण्ड को० केमिस्ट और कमीशन एजेंट है तबावाला बिल्डिंग, प्रिंसेस स्ट्रीट, बम्बई. साहित्य पत्रिका प्रतिभा। ( संपादक, श्रीयुत पं० ज्वालादत्त शर्मा ) , प्रतिभाका दसवाँ अङ्क शीघ्र प्रकाशित होनेवाला है । यह प्रति अँगरेजी मासके पहले सप्ताहमें प्रकाशित होती है । यदि आप साहित्यसंबन्धी लेख है पढ़ना चाहते हैं, तो प्रतिभाके ग्राहक बनिये । प्रतिभामें रसमयी कवितायें है और शिक्षाप्रद पर चुभती हुई गल्पें भी प्रकाशित होती हैं। वार्षिक मूल्य २) ई है । हम इसके विषयमें अधिक न कहकर हिन्दीकी सर्वश्रेष्ठ पत्रिका सरस्वतीहै की सम्पति नीचे उद्धत किये देते हैं:ई “प्रतिभा-यह एक नई मासिक पत्रिका है । मुरादाबादके लक्ष्मीहु नारायण प्रेससे निकली है । हिन्दीके प्रसिद्ध लेखक पं० ज्वालादत्तजी शर्मा । इसके संपादक हैं । सरस्वतीके पाठक आपसे खूब परिचित हैं । वे जानते। हु होंगे कि शर्माजी सरस, बामुहाविरा और साथ ही प्रौढ भाषा लिखनेमें कितने है पटु हैं । ऐसे सुयोग्य संपादकके तत्वावधानमें आशा है प्रतिभाका उत्तरोत्तर विकास होगा। इसका पहला अङ्क अप्रैल १९१० में प्रकाशित हुआ है । उसमें छोटे बड़े १० लेख और ६ कवितायें हैं । साहित्य, शिक्षा, उद्योग धन्धा, विज्ञान, है ई जीवनचरित और आख्यायिका इतने विषयों पर इसमें लेख प्रकाशित हुए हैं। ई लेखोंके संवन्धमें सामयिकता और रोचकताका बहुत ध्यान रक्खा गया है ।" पत्रव्यवहार करनेका पतामैनेजर ' प्रतिभा ' लक्ष्मीनारायण प्रेस, मुरादाबाद। andrenikarstituatsansteistmastendestostradashain 2.บทสวดมนหนองจีน sonagn arrangegrannonwraniganpragnenermeniangragnantan Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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