Book Title: Jain Hiteshi 1913 Ank 09 Author(s): Nathuram Premi Publisher: Jain Granthratna Karyalay View full book textPage 1
________________ beg. जैनहितैषी। OLORDS साहित्य, इतिहास, समाज और धर्मसम्बन्धी लेखोंसे विभूषित मासिकपत्र। सम्पादक और प्रकाशक-नाथूराम प्रेमी, हीराबाग, बम्बई नं. ४. पृष्ठ 5 ... दावा आषाढ़ ९वाँ अंक। भाग। श्रीवीर नि० संवत् २४४० विषयसूची। १ जैन-स्तूप २ सांख्यदर्शन ... ३ पुस्तक परिचय ४ आदर्श आर्या ५ गुण सीखो, अवगुण नहीं ... ६ मीठी मीठी चुटकियाँ.... ७ ग्रन्थ परीक्षा (जिनसेन-त्रिवर्णचार) केसर-काश्मीरकी केशर जगत्प्रसिद्ध है। नई दर १) तोला। सूतकी मालायें-सूतकी माला जाप देनेके लिए सबसे अच्छी समझी जाती हैं। दर एक रुपयेमें दश माला। दीपमालिका उत्सवके कार्ड और नोटपेपर शीघ्र मंगाईये । दर चार आना सैकड़ा। पत्रव्यवहार करनेका पता श्रीजैनग्रन्थरत्नाकर कार्यालय, हीराबाग, पो० गिरगांव-बम्बई । Geeदलदलत ५४९ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org Printed by Ganpat Narayan Kulkarni at his Karnatak Press,Page Navigation
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