Book Title: Jain Granth Prashasti Sangraha 01
Author(s): Parmanand Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 384
________________ परिशिष्ट १ जैनग्रन्थप्रशस्ति संग्रहके ग्रन्थ और ग्रन्थकार १४७ अक्षयनिधिव्रतकथा ( ब्रह्म श्रुतसागर ) ७२ अजितपुराण (पं० अरुणमणि) १३१ अध्यात्मतरङ्गिणी-टीका (मुनि गणधर कीर्ति) ४० अध्यात्मतरङ्गिणी नाटक समयासारटीका ( भ० शुभचन्द्र ) १२७ अर्धकाण्ड (दुर्गदेव) ६६ जनापवनंजय - नाटक ( कवि हस्तिम/ २७ श्रनन्तजिन वतपूजा ( भ० गुणचन्द्र ) १६१ अनन्तव्रतकथा (ब्रह्म श्रुतसागर ) ११६ अम्बिकाकल्प ( भ० शुभचन्द्र ) १६२ अशोकरोहिणी कथा ( ब्रह्मश्रुतसागर ) १५५ आकाशपंचमीकथा ( ब्रह्मश्रुतसागर ) १३६ श्रात्मानुशासनतिलक ( प्रभाचन्द्राचार्य ) ७३ आदिनाथ फाग (भट्टारक ज्ञानभूषण) १४० श्रादिपुराणटीका ( भ० ललितकीर्ति) १३० श्रायज्ञानतिलकपटीक (भट्टबोसरि) १३७ श्राराधनाकथा प्रबन्ध ( प्रभाचन्द्राचार्य) १३१ श्राराधना-पताका (वीरभद्राचार्य) १३ उपदेशरत्नमाला ( भ० सकलभूषण) २६ करकण्डु-चरित्र (भ० जिनेन्द्र भूषण) ११४ करकण्डु चरित्र (भ० शुभचन्द्र) ४१ कर्णामृतपुराण (केशवसेनसूरि) २१० ६७ १६३ १४ १८७ ८७ ३४ २१६ १७१ २१७ २१४ २०१ ६ ६ २०५ १६२ २०२ १८७ ६१ ३३ १६६ ५५

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