Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 4 Author(s): Hastimal Maharaj Publisher: Jain Itihas Samiti JaipurPage 11
________________ ५५५ ५७० ५७१ ५७२ ५७३ ५७४ ५७६ ५८९ ५९० ५९१ ५९२ ५९९ आगमिकगच्छ श्र.भ. महावीर के ५३३ पट्टधर आ. श्री महासूरसेन श्र.भ. महावीर के ५४वें पट्टधर आ. श्री महासेन चालीसवें युगप्रधानाचार्य श्री शीलमित्र तपागच्छ शाखाभेद नियमो श्र.भ.महावीर के ५५वें पट्टधर आ. श्री जीवराजजी श्र.भ. महावीर के ५६वें पट्टधर आ. श्री गजसेन इकतालीसवें युगप्रधानाचार्य रेवतीमित्र भ. महावीर के ५६३ पट्टधर के आचार्य काल का __ महान् जिनशासन-प्रभावक श्रावक जगडूशाह बड़गच्छ श्र.भ.महावीर के ५७वें पट्टधर आ. श्री मन्त्रसेन श्र.भ.महावीर के ५८ वें पट्टधर आ. श्री विजयसिंह बयालीसवें युगप्रधानाचार्य श्री सुमिणमित्र श्र.भ.महावीर के ५९वें पट्टधर आ. श्री शिवराजजी तियालीसवें युगप्रधानाचार्य श्री हरिमित्र भ. महावीर के ५८वें पट्टधर श्री विजयसिंह के आचार्य-काल के अन्य गच्छीय आचार्य श्री जिनप्रभसूरि सोमसुन्दरसूरि चवालीसवें युगप्रधानाचार्य श्री विशाखगणि श्र.भ.महावीर के ६०वें पट्टधर ___ आ. श्री लालजी स्वामी श्र.भ.महावीर के ६१वें पट्टधर आ. श्री ज्ञानऋषि जी ६०३ ६०४ ६०५ ६०६ ६०७ ६०८ ६०९ ६१० ६१८ ६१९ (viii) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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