Book Title: Jain Dharm Sindhu
Author(s): Mansukhlal Nemichandraji Yati
Publisher: Mansukhlal Nemichandraji Yati

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Page 13
________________ ३ .... ४५ पए .... ५१ ..... ७३ .... ७३ .... ७४ .... ७५ .... ७६ E मोहोटी शांति. संतिकर. .... . अतिचार. .... नवकारसहि पच्चरकाण..... पोरसी साढ पोरसी. एकसणा बीयासपा. .... आयंबिल पच्चरकाण. .... तिबिहार उपवास. चनविहार उपवास. पाणहार पच्चरकाण. चजविहार पच्चरकाण. तिविहार पच्चरकाणमुबिहार पच्चस्काण. देसावगासी पच्चरकाण. .... पोसह पच्चरकाण. पोसहपारणगाथा. संथारा पोरसी. सीमंधर चैत्यवंदन. .... सिहाचलचैत्य. विमल केवल. सिहाचलचैत्य. शत्रुजयसिचत्र. परमात्मा चैत्यवंदन- .... .... सीमंधर स्तवन.सुणोचंदाजी सिघाचलस्तवन. यात्रानवाणुं. सिघाचल स्तवन. शेजूंजो दीगेरे..... शंखेश्वरपासजी पुजीयें. .... जीववारुं बुं मोरा वालमा......... श्रेणिकराय हुंरे अनाथी निग्रंथ. .............. .... ७७ .... ७ न . D ט D ט M ט . . . . ט ७३ ט W .... ४ .... ७५ .... ७६ .... ७ ..... 0 D

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