Book Title: Jain Dharm Sindhu
Author(s): Mansukhlal Nemichandraji Yati
Publisher: Mansukhlal Nemichandraji Yati
View full book text
________________
... १७४
~
~
~
~
~
१७ए
विशस्थानक चैत्यवं. चोवीस पनर. रोहिणी चैत्यवं. रोहिणीतपश्रारा..... तीर्थवंदनचैत्यवं सीमंधर प्रमुखनमुं. तीर्थकरराशी चैत्यवं शांतिनमी । अरिहंतनमो लगवनमो.चैत्यवं. .... जिनवर्ण चैत्यवं. प्रद्मप्रनने वासुपूज्य. जिननवगणना चैत्यवं प्रथम तीर्थंकर. जिनगणधर चैत्यवं. गणधरचोराशी. परमष्टीगुण चैत्यवं. बारगुण अरिहंतदेव. सीमंधरस्तुति. श्रीसीमंधरजिनवर..... सीमंधरस्तुति. श्रीसीमंधर देवसुहंकर. बीजीतिश्रीस्तुति. दिन सकलमनोहर. पंचमीस्तुति. श्रावणसुदिनपंचमीए. अष्टमीस्तुति. मंगलबाळकरीजस..... एकादशीस्तुति. एकादशीअतिरूअडी. शांतिजिनस्तुति शांतिजिनेसरसमरियें. श्रादिजिनस्तुति आदिजिनवरराया. सिद्धचक्रस्तुति. जिनशासनवंच्छित. पर्युषणस्तुति. सत्तरदि. - .... पुण्यपोषण. .... ... सिघाचलस्तुति श्रीसिघाचलतीर्थसार. पार्श्वजिनस्तुति. संखसरपासजी.. सिघाचलस्तुति पुंडरिगिरी महिमा. सिधचक्रस्तुति नितप्रतिकुंप्रणमुं. .... पार्श्वस्तुति. कीधपमप. पर्युषणस्तुति. वलिवलिढुंध्यावं. .... तीर्थमालाचैत्यवं. सद्भक्त्या देवलोके.
११ .... १०२
.. १०३
१४
.... १८५
१०५
.... १७६
१७
.... १नए

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 ... 858