________________ 3. घड़ा स्वद्रव्यादि तथा परद्रव्यादि की क्रमशः अपेक्षा से कैसा है? उत्तर होगा 'अस्ति और नास्ति' / 4. एक साथ दोनों अपेक्षाओं से घड़ा कैसा? 'अवक्तव्य' / अर्थात् जिसको एक शब्द से परिचय न दिया जा सके, पहचान न की जा सके / यदि सत् कहें तो दोनों अपेक्षाओं से सत् नहीं है / इसी तरह दोनों अपेक्षाओं से असत् भी नहीं है / तब सत्-असत् भी नहीं कहा जा सकता / क्या वह स्वद्रव्य, परद्रव्य दोनों अपेक्षाओं से सत् है? नहिं / तो क्या असत् है? नहीं / अर्थात् दोनों संयुक्त अपेक्षाओं से न तो सत् है और न असत्? केवल स्वद्रव्यादि की अपेक्षा से भी सत् असत् नहीं, परद्रव्यादि की अपेक्षा से भी सत् असत् नहीं / अतः एक साथ दोनों की अपेक्षा से क्या कथन किया जाय? यह विचारणीय हो जाता है / तात्पर्य यह है, कि वह अवाच्य है, अवक्तव्य 5. घड़ा क्रमशः स्वद्रव्यादि और उभय-अपेक्षा से कैसा हैं? तब कहना पड़ेगा कि अस्ति (सत्) और अव्यक्तव्य / 6. घड़ा क्रमशः परद्रव्यादि तथा उभय अपेक्षा से कैसा है? नास्ति (असत्) और अवक्तव्य / 7. घड़ा क्रमशः स्वद्रव्यादि, परद्रव्यादि तथा उभय अपेक्षा से कैसा है? - अस्ति, नास्ति और अवक्तव्य / 32 340