Book Title: Jain Dharm Ka Parichay
Author(s): Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 349
________________ मलता-कृपणता दुर्बलता पराधीनता. अज्ञान निदा तराय शामात OLDHE ILl. नातवा Kायर नीम्म उच्च अनन्त TILLil अंधापन ADKIC आत्मा एवं कमें चित्र परिचय मध्य भागमें शुध वकपी आत्मा है। असंत ज्ञामादि आत्माके आठ गुण है। ज्ञानावरणीयादि आठ कर्मके बादल पयेहए है। इससे आत्माके गुण दस गये हैं, और अक्षान निद्रा आदि दोष प्रकट कपमे दिखते है। संसारकी सा अवस्थाएं कमोक प्रभालसे है। 1. आत्मा और कर्म नाम यश सुरव dearधापत्र कर्म 'आक AL I मटा स्थित आराध्य / दुरव यश वर्षमावा . नई राग. जन्म-मृत्य)

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