Book Title: Jain Dharm Ka Parichay
Author(s): Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 348
________________ 2. गणितानुयोग :- जिसमें गिनतियों के भांगे, माप आदि का वर्णन है / जैसे कि सूर्यप्रज्ञप्ति, क्षेत्रसमासादि / 3. चरणकरणानुयोग :- जिसमें चारित्र और आचार-विचार का वर्णन है / जैसे आचारांग, निशीथ, धर्मसंग्रह, श्राद्धविधि, आचारप्रदीप आदि / 4. धर्मकथानुयोग :- जिसमें धर्मप्रेरक कथाओं दृष्टान्तों का वर्णन है / जैसे कि ज्ञाता अध्ययन, आगम, समरादित्य-चरित्र, त्रिषष्ठिशलाका पुरुष चरित्र आदि / 02 3430

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