Book Title: Jain Darshan ki Ruprekha
Author(s): S Gopalan, Gunakar Mule
Publisher: Waili Eastern Ltd Delhi

View full book text
Previous | Next

Page 181
________________ शब्दानुक्रमणिका अंग 22,24,26,39,59 अकलंक 4,80,84 अक्रियावाद 28 अक्षर 60 अजीव 66,86,88,109,116,112, 126,151,155,159,160, 165,173,174 अज्ञानवाद 28 अणु 127 अणुव्रत 19,147,171,172,173 ___175 अणुव्रत आन्दोलन 170-175 अणुव्रत संघ 171,172 अणुव्रती 172,174 अतीन्द्रिय 84 अद्वैत 113,116,133,136 अधर्म 91,109,110,119,129 अनक्षर 60 अनन्तानुबन्धि 89 अनीन्द्रिय 78 अनीश्वरवाद 35,39 अनुपलब्धि 67,69 अनुभूति 50,87,86-88 अनुमान 44,47,67,68,71,72,78, अनेकान्त 131,137 अन्तःकरण 77,78 अपरिग्रह 16,18,145,149,173 अपाय 54,56,63 अभाव 44,69 अभिनिबोध 85 अर्थापत्ति 44,67,69 अर्थावग्रह 54,55 अर्हत् 613,28,74,162,163 अवग्रह 51,54,55 अवधि 44,46,47,64,65,67,85, 91,92 अवधिशान 81,82,94 अक्सपिणी अविच्युति 58 अविद्या 86 असंशि 59,60 असंशित 59,60 अस्तिकाय 34,110,130 अस्तित्व 139 अस्तेय 16,145,148 अहंप्रत्यय 99 अहिंसा 4,16,31,145-148,150, 163,173,175 बाकाश 109,110,119,130 भामम 43,67,68 99 अनुस्मरण 58

Loading...

Page Navigation
1 ... 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189