Book Title: Jain Darshan ki Ruprekha
Author(s): S Gopalan, Gunakar Mule
Publisher: Waili Eastern Ltd Delhi
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शदानुक्रमणिका
पर्याय 111,120
पाप 155,156 पारमार्थिक 46,47
पारमार्थिक प्रत्यक्ष शान 47
4T 16-18,45
पाली 5
पिटक 5,6
पुद्गल 100,109,110,119,126,
127
पुद्गलास्तिकाय 129
पुण्य 155
पुनर्जन्म 34,101,103,105
पुराण 14,15,25,29 पूर्णावस्था 88
पूर्व 22, 24, 26, 27, 31, 33,
पौगालिक 81
पंचमहाव्रत 162
पंचयाम 16
प्रतिज्ञा 73,74
प्रत्यक्ष 43,45, 47,67, 71
प्रत्यक्ष ज्ञान 46, 48, 79, 82, 83, 84, 91 प्रत्याख्यानावरण 89
प्रमाण 43-46,67,69 प्रमेय 43
बन्ध 155,157, 158 बन्धन 87
बुद्ध 5, 6, 9,25
बूलर जॉर्ज 5,9,15
बौद्ध तत्व मीमांसा 115
बौद्ध धर्म 3-5, 6-11 बौद्ध सत्ता मीमांसा 114 ब्रह्मचर्य 16,18,145,149 ब्रह्मदेव 50
ब्राह्म 113,114, 115 ब्राह्मण धर्म 3,8,12
भक्ति 7
भट्टसंप्रदाय 36
agrard ya. ya. 61,80,81,85,
93
भद्रबाहु 22,26
भावन 61,85
भिक्षु 9 भौतिकवाद 35
मति 44, 45,47,54, 59, 60-65
71,85
मथुरासंघ 25
44-47,49-52,54-58,60,64, 67,70,77-81,84-87,91-94,
115,131,146, 167
185
मनोवर्गण 81 मनोविकार 89
मन: पर्याय 44,46, 47,52,64,65,
67,85,91,93,94
महाकाव्य 60
महावीर 5,8-19, 21-24, 26-33,
43,45,98,99,
109,112
महाव्रत 8, 10, 16, 19, 147, 170,
173
मिश्र उमेश 17,86 मीमांसा 44,77
मीमांसक 45,67-69,91
मुक्त 22
मुक्ति 7,22,32,123, 156 सुनिधर्म 162,163 मुनि नथमल 171
मूलर मैक्स 9
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