Book Title: Jain Darshan ki Ruprekha
Author(s): S Gopalan, Gunakar Mule
Publisher: Waili Eastern Ltd Delhi

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Page 186
________________ 186 मूलसंघ 25 मेहता एम० एल० 47,53, 65, 72, 78,84,88,96, 100,102,129 मैल विलियम 79 मोक्ष 117,120,122,150,152, 153,155,156,160 मोक्षप्राप्ति 122 यथार्थता 64 article 118 यशोविजय 53 यज्ञ 146 याकोबी 6, 7, 13, 16, 17, 23, 27, 39,112 6 बुंग 9,12 योग 80, 86, 157, 158 योगज प्रत्यक्ष 77 योगाचार 45 राधाकृष्णन् स० 37 रामानुज 115 far 61,80 लब्ध्यक्षर 60 लास्सेन 13 किली डब्ल्यू. एस. 4 लिंग 72 लेउमान 32 लेश्म 89,80 लोकायत 35 लौकिक प्रत्यक्ष 47 वर्ण व्यवस्था 3 बर्धमान 13 वस्तु 117 बस्तु जगत् 134,136,137,139, 141 वात्स्यायन 74 वादिदेव 51,84 बार्ड जेम्स 98 वासन 58 वास्तववाद 110 वास्तविकता 119,127,129, 131, 137 विद्यानन्द 78,84 विनय पिटक 33 विपर्यय 45 विपक्ष 74 विपक्ष प्रतिषेध 74 विभंग 85 विलियम मोनियर 145 विलियम जेम्स 97,98 विल्सन एच. एच. 4,14 विवर्त 113 विशिष्टाद्वैत 113,115 विज्ञान 80 विटरविट्ज 29 विडिश 8 वीरसेन 50,51 वेद 34, 35,60,68,91 वेदान्त 77 जैन दर्शन वेबर 8,29,31 वैनायिक 28 वैशेषिक 36,113,116,128,132 418,170,172,173,174, 175 व्यक्तित्व 86,98, 150 व्यवहारनयभास 133 व्यय 111 व्याप्तिज्ञान 72 व्यावहारिक 46

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