Book Title: Jain Darshan aur Adhunik Vigyan
Author(s): Nagrajmuni
Publisher: Atmaram and Sons

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Page 136
________________ पृथ्वी : एक रहस्य १२७ ध्वंस और निर्माण के भूदेह पर और भूगर्भ में होने वाले परिवर्तन ही नवीन विज्ञान की पृथ्वी की उत्पत्ति व विनाश सम्बन्धी कल्पनाओं के हेतु हों। अस्तु; इस विषय में जैन पदार्थ विज्ञान युग के नवीन चिन्तन में पृथ्वी के संघटन व प्राणियों की स्थिति सम्बन्धी नाना रहस्यों को प्रकट करने में विविध प्रकार से योगभूत हो सकता है । अपेक्षा है कि भूगर्भ शास्त्री व अन्य अनुसंधाता इस पोर विशेष रूप से ध्यान दें। ____Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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