Book Title: Jain Darshan ane Sankhya Yogma Gyan Darshan Vicharna
Author(s): Nagin J Shah
Publisher: Sanskrit Sanskriti Granthmala

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Page 212
________________ જૈનદર્શન અને સાંખ્યયોગમાં જ્ઞાનદર્શનવિચારણા ૧૯૨ कन्दली (प्रशस्तपादभाष्यटीका), जुओ प्रशस्तमादभाष्य कर्मग्रन्थ 1-4 (पं0 सुखलालजीकृत हिन्दी विवेचन सहित), देवेन्द्रसूरि, श्री आत्मानन्द जैन पुस्तक प्रचारक मण्डल, आग्रा, 1918, 1919, 1922. कर्मग्रन्थ (स्वोपज्ञवृत्तिसह), देवेन्द्रसूरि, श्रीमन्मुक्तिकमल जैन मोहनमाला, . क्रमांक 8, वडोदरा, वी.सं 2440 कसायपाहुड (कषायप्राभृत) (जिनसेनाचार्य कृत जयधवलाटीका सहित), गुणधराचार्य, सं.पं. फूलचन्द्र तथा पं0 महेन्द्रकुमार, भा० दि० जैन संघ,मथुरा, 1944 गणधरवाद (गुजराती अनुवाद इत्यादि सहित), जिनभद्र, अनुवादक पं0 दलसुख मालवणिया, शेठ भो. जे. अध्ययन-संशोधन विद्याभवन, अमदावाद, 1985 गीता (शांकरभाष्याघेकादशटीकोपेता), सं० साधते गजानन, गुजराती पिन्टींग प्रेस, बम्बई, 1938 । गुणस्थानक्रमारोह, रतशेखरसूरि, देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धारफंड, 1916 गोम्मटसार, नेमिचन्द्र, सं. आ. ने. उपाध्ये, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, भा0 1 (1978) भा0 2 (1981) . जयधवला, जुओ कसायपाहुड ज्ञानबिन्दु, यशोविजयजी, सं0 पं० सुखलालजी, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, बम्बई तत्त्ववैशारदी, जुओ साङ्गयोगदर्शन तत्त्वंसङ्ग्रह (कमलशीलकृत पञ्जिका सह), शान्तरक्षित भाग 1-2, सं. . . . द्वारिकादास, बौद्धभारती, वाराणसी, 1981, 1982 तत्त्वसङ्ग्रहपञ्जिका, जुओ तत्त्वसङ्ग्रह तत्त्वार्थभाष्य, जुओ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र तत्त्वार्थसूत्र (गुजराती विवेचन सहित, पं0 सुखलालजी) श्री पूंजाभाई जैन ग्रन्थमाला-19, गुजरात विद्यापीठ, अमदावाद, 1949 तत्त्वार्थवार्तिक (राजवार्तिक), अकलक, भा0 1-2, सं0 प्रो0 महेन्द्रकुमार जैन, ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी ग्रन्थमाला संस्कृत ग्रन्थांक 10, 20, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1953, 1957 तत्त्वार्थ श्लोकवार्तिक, विद्यानन्दि, सं0 पं0 मनोहरलाल, गांधी नाथारंग जैन .. ग्रन्थमाला, बम्बई 1918

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