Book Title: Jain Darshan ane Sankhya Yogma Gyan Darshan Vicharna
Author(s): Nagin J Shah
Publisher: Sanskrit Sanskriti Granthmala

Previous | Next

Page 215
________________ ૧૯૫ સંદર્ભગ્રંથસૂચિ बोधिचर्यावतार, शान्तिदेव, सं०पी. एल. वैद्य, मिथिलाविद्यापीट, दरभंगा, 1960 बोधिचर्यावतारपञ्चिका, प्रज्ञाकरभति, जुओ बोधिचर्यावतार मज्झिमनिकाय, सं0 वी. वेन्कनर तथा आर. चाल्मर्स, भाग 1-3, पालि टैक्स्ट सोसायटी, लंदन, 1948-51 मनोरथवृत्ति (मूल प्रमाणवार्तिक सहित), मनोरथनन्दिन, सं0 राहुल सांकृत्यायन माटरवृत्ति, जुओ साङ्ख्यकारिका (2) मिलिन्दपण्ह, सं0 वाडेकर, बम्बई, 1940 युक्तिदीपिका(साङ्ख्यकारिकार्टीका),जुओ साङ्ख्यकारिका (3) . योगदृष्टिसमुच्चय (अंग्रेजी अनुवाद सहित) हरिभद्र0 सं0 अनु० कृष्णकुमार दीक्षित, लालभाई दलपतभाई भा0सं0 विद्यामन्दिर, अमदावाद, 1970 योगबिन्दु,हरिभद्र, सं0 स्वेली, जैन धर्म प्रसारक सभा, भावनगर, सं0 1967 - योगभाष्य, व्यासकृत, जुओ साङ्गयोगदर्शनम् योगवार्तिक, विज्ञानभिक्षुकृत, जुओ साङ्गयोगदर्शनम् योगशतक, हरिभद्र, सं0 इन्दुकला झवेरी, गुजरात विद्यासभा, अमदावाद, 1956 योगसूत्र, पतंजलिकृत, जुओ सागयोगदर्शनम् , लोकप्रकाश (गुजराती अनुवाद सहित), विनयविजयजी, अनुवादक मोतीचंद . ओधवजी शाह, आगमोदय समिति, मुंबई, 1929, 1932 लोकतत्त्वनिर्णय, हरिभद्रसूरि, जैन धर्म प्रसारक सभा, भावनगर, वि0सं0 1958 वियाहपण्णत्तिसुत्तं (भगवतीसूत्र), भाग 1-3, सं0 पं0 बेचरदास दोशी,जैन आगम-ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक 4, श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई 36, 1974, 1978, 1982 विशुद्धिमार्ग (विसुद्धिमग्ग), बुद्धघोष, सं0 धर्मानन्द कोसंबी, भारतीय विद्या भवन, 1940 विशेषणवती, जिनभद्र, ऋषभदेव केसरीमलजी, रतलाम, 1927 विशेषावश्यकभाष्य भाग 1-3, जिनभद्र (स्वोपज्ञवृत्ति तथा कोट्यार्यवादिगणिकृतसंपूर्तिरूपविवरण सहित), सं0 दलसुख मालवणिया, लालभाई दलपतभाई भा.सं. विद्यामन्दिर, अमदावाद, 1966-68 वैशेषिकसूत्र (चन्द्रानन्दवृत्ति सह), सं0 जम्बूविजय, गायकवाड ओरिएण्टल सिरिझ, क्रमांक 136, वडोदरा व्योमवती, व्योमशिवाचार्य, जुओ प्रशस्तपादभाष्य, चौखम्बा संस्कृत ग्रन्थमाला

Loading...

Page Navigation
1 ... 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222