Book Title: Jain Darshan Me Panch Parmeshthi
Author(s): Jagmahendra Sinh Rana
Publisher: Nirmal Publications

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Page 290
________________ 254 13- आदिपुराण : १४-आपस्तम्ब-धर्मसूत्रः 15- आप्त-परीक्षा : जैन दर्शन मे पञ्च परमेष्ठी जिनसेन, सम्पादक पं० पन्नालाल साहित्याचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, 1651 डा० उमेशचन्द्र पाण्डेय, चौखम्बा संस्कृत सीरिज, वाराणसी, 16.66 विद्यानन्द, सम्पादक व अनुवादक पं० दरबारीलाल कोठिया, वीर सेवा मन्दिर, सरसावा, 1646 समन्तभद्र,वीर सेवा मन्दिर, दिल्ली, 1667 वाचनाप्रमुख आचार्य तुलसी, जैन विश्वभारती, लाडनूं (राज०) वि० सं० 2031 वाचना प्रमुख आचार्य तुलसी, जैन श्वे० तेरापंथी महासभा, कलकत्ता, 1967 देवसेन, श्री शान्तिसागर जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी संस्था, श्रीमहावीर जी (राज०) वीरसं० 2484 १६-आप्त-मीमांसा : १७-आयारो: १८-आयारो तह आयारचूला : १६-आराधनासार: जैन विश्वभारती, लाडनूं (राज०). 1987 20 आवस्सयं नवसुत्ताणि भाग-५: 21- इष्टोपदेश : 22 इसि भासियाई सुत्ताई : पूज्यपाद, श्री शान्तिसागर जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी संस्था, श्री महावीर जी, वीर नि० सं०.२४६४ सम्पादकः मुनिमनोहर,सुधर्माज्ञानमन्दिर, कांदावाड़ी (बम्बई). 1663 सम्पादिकाःसाध्वी चन्दना,वीरायतनप्रकाशन, आगरा, 1672 जैन शास्त्रमाला कार्यालय, लाहौर, 1636-42 २३-उत्तराध्ययनसूत्र: २४-उत्तराध्ययनसूत्र (आत्माराम टीका):

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