Book Title: Jain Darshan Me Panch Parmeshthi
Author(s): Jagmahendra Sinh Rana
Publisher: Nirmal Publications
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________________ 200 जैन दर्शन मे पञ्च परमेष्ठी 83- पद्मनन्दि-पंचविंशति: 84- पद्म पुराण : ८५-परमात्मप्रकाश : पद्मनन्दि, सम्पादकः प्रो० हीरालाल जैन, जैन संरकृति संरक्षक संघ, सोलापुर,१६६२ रविषेण,भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन,१६७७ योगीन्दु,श्रीमद्राजचन्द्र,जैन शास्त्रमाला, अगारा (गुजरात), वि सं० 1672 पाणिनि, भंडारकर ओरियण्टल रिसर्च इन्स्टीच्यूट, पूना, 1635 ८६-पाणिनि अष्टाध्यायी : ८७-पुरुषार्थ सद्धयुपाय : अमृतचन्द्र सूरि, श्री दि० जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट, सोनगढ़, वि सं० 2026 नेमिचन्द्राचार्य,माणिकचन्द्र, दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला,बम्बई,१६१४ ८८-प्रतिष्ठातिलक: ८६-प्रमेयकमलमार्तण्ड : प्रभाचन्द्र, सम्पादक: पं० महेन्द्र कुमार शास्त्री, निर्णय सागर प्रैस, बम्बई, 1641 ६०-प्रवचनसार: कुन्दकुन्द, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम अगास, 1984 ६१--प्रवचनसारोद्धार (भाग 2): प्रका) : प्रेरित देववन्द्र लालगाई। पुरतफोद्धार संस्था, ग्रन्थांक-- 58. व 64. निर्णय सागर प्रैस, बम्बई, वि० सं० 167r , 1682 वररुचि,पुन्थी पुस्तक,कलकत्ता-४.१६६२ ६२-प्राकृत-प्रकाश : ६३-बोधिचार्यावतार : शान्तिदेव, सम्पादकः परशुराम शर्मा, मिथिला विद्यापीठ, दरभंगा, 1660 सम्पादकः नलिनाक्ष दत्त, पटना, 1666 ६४-बोधिसत्त्व भूमि: / ६५--बौद्धधर्म-दर्शन : नरेन्द्रदेव, बिहार -- राष्ट्रभाषा-परिषद्, पटना, 1656 ६६-ब्रह्यसूत्रशाकरभाष्य : हनुमान दास षट्शास्त्री, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, 1677

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