Book Title: Jain Darshan Me Panch Parmeshthi
Author(s): Jagmahendra Sinh Rana
Publisher: Nirmal Publications
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________________ 264 जैन दर्शन-मे पञ्च परमेष्ठी 133- श्रीमद्भागवत : सम्पादकः पं० श्री रामतेज पाण्डेय, चौखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठान, दिल्ली, 1696 १३४-संयुक्त निकाय : सम्पादकः भिक्षु जगदीश काश्यप, नालन्दा प्रकाशन, 1954 135 d इंगलिश डिक्शनरी : मोनियर विलियम्स, दिल्ली 1676 १३६-संस्कृत-शब्दार्थ कौस्तुभ : तारिणीश झा, प्रकाशकः रामनारायण लाल, इलाहाबाद, 1657 137- संस्कृत हिन्दी--कोशः वामन शिवराम आप्टे, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, 1677 138--- सभाष्य तत्त्वार्थाधिगमसूत्र : उमास्वाति, परमश्रुत प्रभाव. जैनमण्डल,जौहरीचाजार खासकुआं, बम्बई, 1632 4:30. समयसार: 136- समणसुत्तं : सर्व-सेवा-संघ-प्रकाशन,राजघाट, वाराणसी, 1675 कुन्दकुन्द, श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट सोनगढ़ (भावनगर) वीर सं० 2468 241-- समराइच्चकहा (भाग 1 व 2): हरिभद्र सूरि, जैन सोसायटी अहमदाबाद 163. 1642 142- समवाओ : 143- समवायाङ्गवृत्ति: जैन विश्वभारती लाडनूं, 1684 अभयदेव सूरि. आगमोदय समिति, मेसाणा, 1618 देवनन्दि पूज्यपाद, सम्पादकः पं० जुगलकिशोर मुख्तार,वीर सेवा मन्दिर, सरसावा, 1636 144- समाधितन्त्र : 145- समीचीन धर्मशास्त्र : समन्तभद्र,सम्पादकः पं० जुगलकिशोर मुख्तार, वीर सेवा मन्दिर,दिल्ली,१६५५

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