Book Title: Jain Darshan Me Panch Parmeshthi
Author(s): Jagmahendra Sinh Rana
Publisher: Nirmal Publications
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________________ 262 110- मूलाचार (भाग 1 व 2) : जैन दर्शन मे पञ्च परमेष्ठी आचार्य वट्टकेर, वृत्ति वसुनन्दी सिद्धान्तचक्रवर्तीसम्पादकः सिद्धान्ताचार्य पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, 1984, 1986 मेदिनीकर, सम्पादकः सोमनाथ शर्मा न्यू संस्कृत प्रैस, कलकत्ता, 1868 कर्न, इन्डोलोजिकल बुक हाऊस, दिल्ली, 1668 111- मेदिनी: 112- मैन्युअल ऑफ बुद्धिज्म: 113- यशरितलकचम्पू (सटीक) : सोमदेव, सम्पादकः सुन्दरलाल शास्त्री श्री महावीर जैन ग्रन्थमाला, काठुरवाड़ी वाराणसी, 1671 114- योगबिन्दु : 115- योगवासिष्ठ : ११६-योगशास्त्र: हरिभद्रसूरि लालभाई दलपत भाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर, अहमदाबाद, 1668 वाल्मीकि, मुन्शीराम मनोहर लाल पब्लिशर्स, दिल्ली, 1981 हेमचन्द्र, जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर, 1626 कालिदास, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, 1661 समन्तभद्र,सम्पादक : पं० पन्नालाल बसन्त, वीरसेवा मन्दिर ट्रस्ट, वाराणसी 1672 117- रघुवंश : ११८-रत्नकरण्डकश्रावकाचार : 116- ववहार सुत्तं : सम्पादकः मुनि कन्हैयालाल 'कमल' आगम अनुयोग प्रकाशन, सांडेराव (राज०).१६८० 120- वसुनन्दि-श्रावकाचार : वसुनन्दि,सम्पादक: डॉ०हीरालाल जैन भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, 1644

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