Book Title: Jain Bhasha Darshan
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: B L Institute of Indology

Previous | Next

Page 117
________________ १०४ : जैन भाषादर्शन न्यायकुमुदचन्द्र-सम्पादक : पं० महेन्द्रकुमार जैन, माणिकचन्द्र दि० जैन ग्रन्थमाला, होराबाग, गिरगांव, बम्बई; प्रथम आवृत्ति; १९४१ पंचसंग्रह-भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, प्रथम संस्करण; १९६० पंचास्तिकाय, तात्पर्यवृत्ति-संशोधक-पं० मनोहरलाल; श्रीमद्रराजचन्द्र आश्रम, अगास (गुजरात), तृतीय आवृत्ति; वि० सं० २०२५ प्रज्ञापना-(श्यामाचार्य विरचित) अनु०-५० भगवानदास हर्षचन्द्र, शारदा भवन जैन सोसाइटी अहमदाबाद सं० १९९१ प्रमाणनयतत्त्वालोकालंकार (वादिदेवसूरिकृत)-विवेचक-पं० शोभाचन्द्र भारिल्ल, आत्मजागृति कार्यालय, श्री जैन गुरुकुल शिक्षण संघ, व्यावर (राज.) प्रथम संस्करण १९४२ प्रमेयकमलमार्तण्ड-सम्पा. पं. महेन्द्र कुमार शास्त्री, (द्वितीय संस्करण) निर्णय सागर प्रेस, बम्बई १९४१ प्रश्नव्याकरणसूत्र-(हिन्दी-व्याख्या-पं० हेमचन्द्र जी म०) सन्मति ज्ञानपीठ, लोहामण्डी आगरा-२ भगवइ-सं० आचार्य तुलसी एवं मुनि नथमल; जैन विश्व भारती, लाडनूं (राजस्थान) भगवती आराधना-सम्पादक-पं० कैलाशचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर । भगवती सूत्र--अखिल भारतीय साधमागी जैन संस्कृति रक्षक संघ, सेलाना भाषातत्त्व और वाक्यपदीय-डा० सत्यकाम वर्मा, भारतीय प्रकाशन-नई दिल्ली १८ भाषारहस्यप्रकरण (यशोविजय) श्री जैन ग्रन्थ प्रकाशक सभा, राजनगर (अहमदाबाद), वि० सं० १९९७ भाषा विज्ञान-भोलानाथ तिवारी, किताब महल, ५६-ए जीरोरोड, इलाहाबाद १९६१ माण्डूक्योपनिषद्-उपनिषत्संग्रहः (भागद्वयोपेतः) मोतीलाल बनारसीदास, बंगलो रोड, जवाहरनगर, दिल्ली-७; संस्करण प्रथम; १९७० मज्झिमनिकाय–सम्पा.-पी० वी० बापट, भिक्षु जगदीश काश्यप, पालि पब्लिकेशन बोर्ड (बिहार सरकार) १९५८ मीमांसाश्लोकवार्तिक-व्याख्याकार-पं० दुर्गाधर झा, कामेश्वरसिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा (बिहार); प्रथम आवृत्ति; १९७९ । राजवार्तिक (तत्त्वार्थवार्तिक)-सम्पादक-प्रो० महेन्द्रकुमार जैन; भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, प्रथम आवृत्ति; १९५३ वाक्यपदीय-भर्तृहरि, (गुजराती अनुवाद-जयदेव भाई मो० शुक्ल) लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर, अहमदाबाद १९८४ विभज्यवादः समकालीन भाषा विश्लेषणदर्शन का पूर्व रूप-लेखक डॉ० सागरमल जैन, परामर्श, दर्शन विभाग, पूना विश्वविद्यालय, पूना विशेषावश्यकभाष्य-हेमचन्दाचार्य वृति सहित, आगमोदय समिति ४२६, झावेरी बाजार, बम्बई १९२४ सन्मतितर्क-पं० सुखलाल संघवी, पं० बेचरदास दोसी-विट्ठलदास मगनलाल कोठारी, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124