Book Title: Jain Bharati
Author(s): Shadilal Jain
Publisher: Adishwar Jain

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Page 149
________________ १५१ इस तीर्थ का सर्व प्राचीन उल्लेख स्वामी समतमद्रकृत बृहतस्वयम्भ स्तोत्र (5वी शती) मे मिलता है जिसमे नेमिनाथ भगवान की स्तुति की गई है। वर्तमान मे यहाँ का सबसे प्रसिद्ध विशाल व सुन्दर मन्दिर नेमि. नाथ का है। इसका निर्माण चालुक्य नरेश जय सिंह के दण्डाधिप सज्जन ने खगार राज्य पर विजय प्राप्त करने के पश्चात् सम्वत् 1158 में कराया था । मन्दिर के प्रागण में कोई 70 देवकुलिकाएँ है । इनके बीच मन्दिर बना हुआ है जिसका मण्डप बडी सुन्दरता से अलकन है। यहाँ एक दूसरा उल्लेखनीय मन्दिर मल्लिनाथ तीर्थकर का है जिसे मत्री वस्तुपाल ने बनवाया था। गोम्मटेश्वर (श्रवणबेलगोल) __ मैसूर से 100 किलोमीटर की दूरी पर 4070 फुट ऊ ची विध्यगिरि पहाडी पर श्रवणवेलगोल मे गोम्मटेश्वर (बाहुबलि) की एक विशालकाय 57 फुट ऊँची प्रतिमा है जो पत्थर को काट कर बनाई गई हैं । इस मूर्ति की विशालता का परिमारण नीचे दिया जाता है । ऊ चाई-57 फीट कघो की चौडाई-26 ,, पाव का अगूठा-2 ,, हाथ की मध्यमिका उगनी--51 ,, कान -51 . कमर -10 ,

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