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इस तीर्थ का सर्व प्राचीन उल्लेख स्वामी समतमद्रकृत बृहतस्वयम्भ स्तोत्र (5वी शती) मे मिलता है जिसमे नेमिनाथ भगवान की स्तुति की गई है।
वर्तमान मे यहाँ का सबसे प्रसिद्ध विशाल व सुन्दर मन्दिर नेमि. नाथ का है। इसका निर्माण चालुक्य नरेश जय सिंह के दण्डाधिप सज्जन ने खगार राज्य पर विजय प्राप्त करने के पश्चात् सम्वत् 1158 में कराया था । मन्दिर के प्रागण में कोई 70 देवकुलिकाएँ है । इनके बीच मन्दिर बना हुआ है जिसका मण्डप बडी सुन्दरता से अलकन है।
यहाँ एक दूसरा उल्लेखनीय मन्दिर मल्लिनाथ तीर्थकर का है जिसे मत्री वस्तुपाल ने बनवाया था।
गोम्मटेश्वर (श्रवणबेलगोल) __ मैसूर से 100 किलोमीटर की दूरी पर 4070 फुट ऊ ची विध्यगिरि पहाडी पर श्रवणवेलगोल मे गोम्मटेश्वर (बाहुबलि) की एक विशालकाय 57 फुट ऊँची प्रतिमा है जो पत्थर को काट कर बनाई गई हैं । इस मूर्ति की विशालता का परिमारण नीचे दिया जाता है ।
ऊ चाई-57 फीट कघो की चौडाई-26 ,, पाव का अगूठा-2 ,, हाथ की मध्यमिका उगनी--51 ,, कान -51 . कमर -10 ,