Book Title: Jain Bal Bodhak 03
Author(s): Bharatiya Jain Siddhant Prakashini Sanstha
Publisher: Bharatiya Jain Siddhant Prakashini Sanstha

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Page 260
________________ संस्थाके छपे हुये भाषाटीका सहित उत्तमोचम जैन शास्त्र | परीक्षामुख :) संस्कृतप्रवेशिनी - दोनों भाग संस्कृतप्रवेशिनी - द्वितीय भाग III) जैनबालबोधक द्वितीय भाग तस्वज्ञानतरंगिणी १८) जैनबालबोधक तृतीय माग (=) ||} १) सुभाषितरत्न संदोह खुलेपत्र २ ) असहमत संगम मकरध्वजपराजय-हिन्दी, काम और जिनदेवका युद्ध 11) कच्ची जिल्दका ॥ पक्की जिल्दका MI). परमाध्यात्मतरंगिणी - संस्कृत और भाषा टीका सहित ( थोडी है ) २) जिनदत्तचरित्र भाषावचनिका ||) जिल्दका ||1) वीनती संग्रह =) ४). 11) खुलेपन आराधनासार सजिल्द १०) तत्त्वार्थसार भाषाटीका पात्र केशरीस्तोत्र भाषाटीका सहित ।) तीर्थयात्रा दर्शक गोम्मटसारजी- दोनोंकांड पूर्ण, और लव्विसार क्षपणासार स ४००० पृष्ठ ५१ ) ग्रन्थत्रयी III ) जिल्दकी || रविव्रत कथा -) गोम्मटसारजी - कर्मकांड पूर्ण, लब्धिसार क्षपणासारजी, और भाषा ३४) चारित्रसार २) धर्मपरीक्षा संदृष्टि सहित छहढाला संग्रह बन्धिसार क्षपणासारजी भाषा टीका संदृष्टि सहित द्रव्यसंग्रह सान्वयार्थ = ) स्वामिकार्तिकेयानुप्रेक्षा सजिल्द 11) भदैया पूजा संग्रह |) शीलकथा = ) जनकथा संग्रह सजिल्द दर्शनकथा ) दानकथा विशेष जानने के लिये वडा सूचीपत्र मंगाकर देखिये । श्रीलाल जैन, मिलने का पता - मंत्री- भारतीयजैन सिद्धांत प्रकाशिनी संस्था, ९ विश्वकोष लेन, बाघबाजार कलकत्ता । 29 11-): १२॥) =). 11)

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