Book Title: Jain Bal Bodhak 03
Author(s): Bharatiya Jain Siddhant Prakashini Sanstha
Publisher: Bharatiya Jain Siddhant Prakashini Sanstha

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Page 261
________________ विमान इन मार्गोंमें वह भी विशेषता है - अनेक पाठधर्मसंबंधी जीवाजीवविचार आदि विषयोंकी पानी पडती है सो हमने इन विषयोंका इन भागोनेही यथास्थानपर समावेश कर दिया है जिससे कोई पुस्तक ही नं एक पुस्तक पढ़ाने से ही समस्त विषयोंका ज्ञान प्राप्त डोबावमा 1. हिंदी व्याकरण व गणित मात्र खुदा अवश्य पढाना पडेगा । और पढ़ाना हो तो इसका चौer are gette बाद पढ़ाना ठीक होगा । कथा * '. हमने मेरे चैन यूनिवर्सिटी वा मालवा प्रांतिक जैम निकी और गोपालनैनचितविचालय के पठन क्रमानुसार ही रक् | अतएव इन सबके पठन कम इन मागोको रखकर परीक्षा सामग का करेंगे तो यह · निवेदक -१-१-१९१२ ६० ].: पालाल बाकलीवाल ।

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