Book Title: Jain Agam Vadya Kosh
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 60
________________ जैन आगम वाद्य कोश 0 महाभेरी मुइंग मुगुंद, मगुंद विचित्तवीणा विपंचि 0 ३४ वीणा वेणु मुरय, मुरव रगसिगा वेण पलासिय ३९ रिंगिसिया विचित्रवीणा विपञ्ची, नौ तंत्रीय वीणा वीणा वेणु मूर्सिंग, भूचंग, मुखचंग, वेणु पलासिय, मोर-चंग पेपा, वेवा शंख श्रीमंडल, घंटीबाजा, युनलो, थाली तरंग, सुनाली सदुय, डक्का, डंका शृंग, सिंगि, कोहुक. ४० रिगिसिगी महाभेरी मृदंग, पखावज श्री खोल, खोल, मुकुन्द, मकंद मुरज, मुरसु, मुरव रगसिगा, रणसिगा, रणसिंग वक्री, रणसिंग रिंङ्गसिका, घर्षण वाद्य, रिगाब्रैया रिगिसिगी, रापोनि, घर्षण वाद्य लत्तिय, ब्रह्मतालम, कांस्य वाद्य वंशी, बासुरी अलगोजा, वच्चक, बीन बद्धीसक, बुआंग, धनुषाकार वाद्य श्रेष्ठ मुरज वल्लकी आड़ी वंशी, वाली कटोला, सूप वाद्य, वालिका वेवा संख सणालियट लत्तिय वंस ४२ सदुय सिंग वच्चग वद्धीसग ३६ ३७ सींग सुंसुमारिया सुघोष ३७ हुडुक्क ४३ वरमुरय वल्लकि वाली वालिया शिशुमारिका सुघोष हुडुक्का , हुडुक, हुडूक, हुरुक्का, डेरु, डडुक्की हुडुक्की होरंभ, महाढक्का ३७ ३ हुडुक्की होरंभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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